Economic Survey 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इकोनॉमिक सर्वे पेश किया। मानसून सेशन सोमवार से शुरू हुआ और 12 अगस्त तक 19 बैठकें होंगी।
आर्थिक सर्वे 2023-24 में देश की इकोनॉमी के 2024-25 में 6.5-7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
आर्थिक समीक्षा (सर्वे) सरकार द्वारा केंद्रीय बजट से पहले प्रस्तुत किया जाने वाला वार्षिक दस्तावेज है जिसमें अर्थव्यवस्था की स्थिति की निष्पक्ष समीक्षा होती है। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक संभाग द्वारा आर्थिक समीक्षा तैयार की जाती है। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार किया जाता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट के साथ मिलकर विभिन्न ट्रिब्यूनल में सही सदस्यों की नियुक्ति के लिए काम कर रहे हैं। चेन्नई में केवल एक NCLAT है। हमें अधिक संख्या में अपीलीय ट्रिब्यूनल की आवश्यकता है। NCLT और NCLAT की नियुक्तियों को गंभीरता से लिया जा रहा है और इन्हें तेजी से पूरा किया जाएगा।”
वित्त मंत्री ने कहा, “इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए कई कदम उठाए गए हैं। जवाब में लगभग 11 कदमों का उल्लेख किया गया है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण 63 अपराधों को गैर-अपराधीकरण करना है, जिसके कारण कंपनियां आज बिना अनुपालन की चिंता के अपने कार्य कर सकती हैं। एक केंद्रीय प्रसंस्करण प्रणाली भी स्थापित की गई है।”
यहां से करें इकोनॉमिक सर्वे को डाउनलोड
इकोनॉमिक सर्वे को ‘www.indiabudget.gov.in/economicsurvey’ से एक्सेस और डाउनलोड किया जा सकता है। संसद में प्रस्तुत होने के बाद यह सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध होगा।
इकोनॉमिक सर्वे को कौन तैयार करता है?
इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के इकोनॉमिक्स डिवीजन द्वारा तैयार की जाती है। मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में इसे बनाया जाता है। इस वर्ष, मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन की नेतृत्व वाली टीम ने इस आर्थिक सर्वेक्षण को तैयार किया है।
इकोनॉमिक सर्वे का इतिहास
देश में पहली बार वित्त वर्ष 1950-51 में इकोनॉमिक सर्वे पेश किया गया था। शुरू से ही इसे बजट के साथ ही पेश किया जाता था। वर्ष 1964 के बाद इसे बजट से अलग कर दिया गया और तब से यह बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा।