जौनपुर: लोकसभा चुनाव हमारे लिए धर्म युद्ध और इस धर्म युद्ध में आप हमारा साथ दे -श्रीकला धनन्जय सिंह

    जौनपुर। पूर्व सांसद धनन्जय सिंह के हाईकोर्ट से जमानत होने पर उनकी पत्नी व जौनपुर लोकसभा से बहुजन समाज पार्टी की उम्मीदवार श्रीकला सिंह नें कहा है कि यह चुनाव उनके लिए धर्म युद्ध है, एक बहू के सिन्दूर को बचाने का, बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के संविधान को बचाने का और धनंजय सिंह के सम्मान को बचाने का। 
          पत्रकारों से बात करते हुए शनिवार को उन्होने कहा कि  मेरे पति  का गुनाह सिर्फ इतना है कि वो निर्भीक है. जनता की लड़ाई में उन्हेंने कभी समझौते नहीं किये। उन्होंने बिना रुके, बिना थके जौनपुर के लोगों की सेवा की है और जब जनता की आवाज को सदन तक पहुंचाने के लिए चुनाव लड़ने का फैसला किया तो उनके ऊपर फर्जी मुकादमे कायम कराये गए। भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई को कोई और रूप दिया गया। जब माननीय उच्च न्यायालय ने बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था तो भी ये लोग बौखलाहट में उनका जेल ट्रांसफर कर दिया। इन लोगों के अंदर उच्च न्यायालय के फैसले का भी इंतजार करने का या उसका सम्मान करने का साहस नहीं।
      कहा कि  मेरे पति के ऊपर जिन लोगों ने जानलेवा हमला किया था वो लोग भी बदले घटनाक्रम में आज सत्ता के पाले में हैं और थे, सब देखकर मुझे डर है कि ये लोग मेरे पति की हत्या का प्रयास कर सकते हैं, उनको किसी और फर्जी मुकदमों में फंसाने का कुचक्र कर सकते हैं। मै देश के प्रधान मंत्री  से पूछना बाहता हूं कि विपक्ष की सरकार बनने पर आप मंगलसूत्र छीन जाने की बात करते हैं, आज आपकी सरकार में ही मेरे मंगल सूत्र पर संकट है। क्या आपका ध्यान उस पर नहीं जाएगा? क्या यहां जनता की सेवा में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के बाद चुनाव लड़ने की इच्छा रखना गुनाह है।
      आज मै पुरुषार्थ और जज्बे की धरती जौनपुर के परिवार जन से पूछना चाहती हूं कि क्या आप अपने बेटे की अन्याय के विरूद्ध इस लड़ाई में उनका साथ नहीं देंगे?’ अब आज के बाद ये लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं है, अब ये लड़ाई जौनपुर के हर एक व्यक्ति को लड़नी है। ये लड़ाई किसी एक जाति या धर्म की नहीं होगी, ये लड़ाई होगी अपनी बहू के सिन्दूर को बचाने की, आपके अपने बेटे की जान को बचाने की, जौनपुर का सम्मान बचाने की। आप सबके सामने में अपना आंचल फैलाती हूं कि अपना प्यार, आशीर्वाद मेरी झोली में डाल दीजिए।
           अन्त में कहा कि  आज वक्त है कि वोट के सौदागरों को जवाब दें. पैसे और ताकत से लड़ाइयां नहीं जीतीं जाती, उसके लिए लोगों के साथ की जरूरत होती हैं।