अवैध अप्रवासियों की पहचान और निर्वासन की मांग को लेकर 1979 में छह साल तक आंदोलन चलाने वाले एएएसयू ने कहा कि वह अदालत के अंदर और बाहर इस कानून के खिलाफ लड़ेगा।
असम में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए), के खिलाफ जमकर विरोध हो रहा है। प्रदेश में केंद्र सरकार की खूब आलोचना हो रही है। अखिल असम छात्र संघ (आसू) और 30 स्वदेशी संगठनों ने सोमवार को गुवाहाटी, बारपेटा, लखीमपुर, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़ और तेजपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में विवादास्पद कानून सीएए की प्रतियां जलाई। इसके अलावा असम में 16 दलों के संयुक्त विपक्ष (यूओएफए) ने चरणबद्ध आंदोलन के तहत मंगलवार को राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा की है।
अखिल असम छात्र संघ (आसू) ने केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को अधिसूचित किए जाने के बाद राज्य में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने का एलान किया है। आसू के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने कहा कि हमने प्रत्येक जिले में सीएए की प्रतियां जलाने का फैसला किया है। मंगलवार को नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन (एनईएसओ) की ओर से क्षेत्र के सभी राज्यों की राजधानियों में सीएए की प्रतियां जलाई जाएंगी।
प्रदेश में 16-पक्षीय संयुक्त विपक्षी मंच, असम (यूओएफए) ने चरणबद्ध तरीके से अन्य आंदोलनात्मक कार्यक्रम शुरू करने के अलावा, मंगलवार को राज्यव्यापी हड़ताल की भी घोषणा की। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, अधिनियम के कार्यान्वयन के बाद अतिरिक्त पुलिस कर्मियों की तैनाती के साथ राज्य भर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।