3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, सीएम योगी ने दी जानकारी

      प्रयागराज में का विराट स्वरूप आज दिख रहा है। महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान पर्व मकर संक्रांति के मौके पर मनाया जा रहा है। महाकुंभ को लेकर सभी 13 अखाड़ों के साधु, संत और संन्यासियों में उत्साह दिख रहा है। महाकुंभनगर के टेंट सिटी में उत्साह और उमंग देखते ही बन रहा है। इससे पहले पौष पूर्णिमा शाही स्नान के मौके पर करीब एक करोड़ 65 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम तट पर डुबकी लगाई। मकर संक्रांति के मौके पर यह आंकड़ा चार से पांच करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। वहीं, अखाड़ों के अमृत स्नान के भव्य और दिव्य नजारे को देखने के लिए लोग जुट रहे हैं।

पीएम मोदी ने किया अभिनंदन

     पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर संगम तट पर उमड़े श्रद्धालुओं, साधु-संत और अखाड़ों से जुड़े लोगों का मकर संक्रांति के मौके पर पहले अमृत स्नान को लेकर अभिनंदन किया। पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ में भक्ति और अध्यात्म का अद्भुत संगम दिख रहा है। महाकुंभ स्नान की तस्वीरों को शेयर करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मकर संक्रांति महापर्व पर महाकुंभ में प्रथम अमृत स्नान में शामिल सभी श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन है।

सीएम योगी ने कहा, 3.50 करोड़ लोगों ने किया स्नान

     महाकुंभ के दौरान पहले अमृत स्नान पर संगम में डुबकी लगाने वालों का आधिकारिक आंकड़ा सामने आया है। मकर संक्रांति के मौके पर पहले अमृत स्नान के दौरान संगम तट पर 3.50 करोड़ से अधिक लोग पहुंचे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में जानकारी दी। सीएम योगी ने सोशल मीडिया एक्स पर किए पोस्ट में लिखा कि आस्था, समता और एकता के महासमागम ‘महाकुम्भ-2025, प्रयागराज’ में पावन ‘मकर संक्रांति’ के शुभ अवसर पर पवित्र संगम में आस्था की पवित्र डुबकी लगाने वाले सभी पूज्य संतगणों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन है। प्रथम अमृत स्नान पर्व पर आज 3.50 करोड़ से अधिक पूज्य संतों-श्र‌द्धालुओं ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया।

सीसीटीवी के साथ ड्रोन से भी निगरानी

     महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान के दौरान संगम नगरी में सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। सुबह से शाम तक संगम तट पर भक्तों का रेला उमड़ता रहा। भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए घुरसवार दस्तों को लगाया गया था। इसके अलावा कुंभ मेला क्षेत्र में एनएसजी कमांडो को भी तैनात किया गया है। सीसीटीवी से पूरे महाकुंभ मेला क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है। इसके साथ-साथ ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। ड्रोन कंट्रोल सेंटर से पूरे महाकुंभ मेला पर नजर रखी गई।

गिनीज बुक में दर्ज होगा महाकुंभ स्नान

यूपी सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में महाकुंभ स्नान दर्ज होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा समागम महाकुंभ है। उन्होंने कहा कि पहले दिन 1 करोड़ 65 लाख लोगों ने स्नान किया सुरेश खन्ना ने कहा कि यूनेस्को ने मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर बताया। साथ ही, उन्होंने प्रदेश और देशवासियों को मकर संक्रांति की बधाई दी है।

अमृत स्नान पर श्रद्धालुओं पर हुई पुष्पवर्षा, लगे जयकारे

महाकुम्भ 2025 के पहले अमृत स्नान मकर संक्रांति के दिन मंगलवार को संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं पर उत्तर प्रदेश सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई। हेलीकॉप्टर से सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर जय श्री राम और हर हर महादेव के नारे लगाए।

हम धन्य हो गए, महाकुंभ में विदेशी श्रद्धालुओं ने बताए अपने अनुभव

     महाकुंभ में देश से ही नहीं, बल्कि विदेश से भी कई श्रद्धालु आए हैं। यह सभी श्रद्धालु खुद को सौभाग्यशाली बता रहे हैं। उनका कहना है कि वो खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें महाकुंभ में आने का मौका मिला। यहां आकर उन्हें आनंद की अनुभूति प्राप्त हो रही है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। इस बीच, विदेश से आए कई श्रद्धालुओं ने आईएएनएस से बातचीत कर अपने अनुभव साझा किए।
नागा साधुओं ने मीडिया के सामने अठखेलियां कीं
     स्नान के दौरान भी नागा साधुओं का अंदाज निराला था। त्रिवेणी संगम में उन्होंने पूरे जोश के साथ प्रवेश किया और बर्फ के समान पानी के साथ ऐसे अठखेलियां की जैसे वे गुनगुने पानी में उतरे हों। इस दौरान सभी नागा आपस में मस्ती करते नजर आए। इस दौरान उन्होंने मीडिया के साथ भी अठखेलियां की और कैमरामैन पर पानी छिड़क दिया। नागा साधुओं ने अपने व्यवहार और प्रदर्शन से यह संदेश दिया कि महाकुंभ केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि मनुष्य के आत्मिक और प्राकृतिक मिलन का उत्सव है। उनकी हर गतिविधि में महाकुंभ की पवित्रता और उल्लास का अद्वितीय अनुभव झलक रहा था। महाकुंभ 2025 का यह आयोजन नागा साधुओं की विशिष्ट गतिविधियों और उनकी परंपराओं के कारण लंबे समय तक याद रखा जाएगा।

हाथों में तिरंगा थामे अमृत स्नान करने महाकुंभ पहुंचा झारखंड से आया जत्था

महाकुंभ के मकर संक्रांति अमृत स्नान पर्व पर प्रयागराज संगम तट पर उमड़ी भीड़ में सामाजिक एकता के साथ ही राष्ट्रीय एकता का संदेश देने वाली आवाजें भी सुनाई देती रहीं। एक ओर अमृत स्नान के लिए निकलने वाले अखाड़ों के साथ चल रहे श्रद्धालु जगह-जगह पर ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ का नारा लगाते दिखे तो दूसरी ओर स्नान करने के लिए आए श्रद्धालुओं का जत्था हाथों में तिरंगा थामे राष्ट्रीय एकता का संदेश देता दिखाई दिया।
महाकुंभ को लेकर साधु-संतों ने जताया हर्ष, बताया इसे अद्भुत क्षण
पौष पूर्णिमा स्नान के साथ महाकुंभ का आगाज हो चुका है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन देश-विदेश से श्रद्धालु कुंभ नगरी पहुंचे हैं। रात्रि से ही त्रिवेणी तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है। इस अवसर पर साधु-संतों के साथ बातचीत में उनके अनुभव को जाना गया। स्वामी बालिका नंद गिरी जी महाराज महामंडलेश्वर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि महाकुंभ को लेकर लोगों में अद्भुत उत्साह देखने को मिल रहा है। बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच रहे हैं। यह लोगों को कुंभ के प्रति आकर्षण बता रहा है। यहां तक देवी-देवता भी अवतरित होकर स्नान कर रहे हैं। ऐसा होने से गंगा हमारी निर्मल और पवित्र हो रही है।

नागा साधुओं के करतब देखकर श्रद्धालु हैरान

     शोभायात्रा के दौरान मीडिया ही नहीं, बल्कि आम श्रद्धालुओं के मोबाइल के कैमरे भी नागा साधुओं को कैप्चर करने के लिए हवा में लहरा रहे थे। नागा भी किसी को निराश नहीं कर रहे थे, बल्कि वे अपने हाव-भाव से उन्हें आमंत्रित कर रहे थे। कुछ नागा तो आंखों में काला चश्मा लगाकर आम लोगों से इंटरैक्ट भी कर पा रहे थे। उनकी इस स्टाइल को हर कोई कैद कर लेना चाहता था। यही नहीं, नागा साधु नगाड़ों की ताल पर नृत्य करते हुए अपनी परंपराओं का जीवंत प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी जोश और उत्साह से भरपूर गतिविधियों ने श्रद्धालुओं के बीच अपार उत्साह पैदा किया। जितने उत्साहित नागा साधु थे, उतने ही श्रद्धालु भी उनकी हर गतिविधि को देख मंत्रमुग्ध हो गए।

महिला नागा संन्‍यासियों ने भी लगाई हुई डुबकी

    पुरुष नागा साधुओं के साथ ही महिला नागा संन्यासियों की भी बड़ी संख्या में मौजूदगी रही। पुरुष नागाओं की तरह ही महिला नागा संन्यासी भी उसी ढंग से तप और योग में लीन रहती हैं। फर्क सिर्फ इतना होता है कि ये गेरुआ वस्त्र धारण करती हैं, उसमें भी ये बिना सिलाया वस्त्र धारण करती हैं। उन्हें भी परिवार से अलग होना पड़ता है। खुद के साथ परिवार के लोगों का पिंड दान करना होता है, तब जाकर महिला नागा संन्यासी बन पाती हैं। जब एक बार महिला नागा संन्यासी बन जाती हैं, तो उनका लक्ष्य धर्म की रक्षा, सनातन की रक्षा करना होता है। इस महाकुंभ में हर कोई इनके बारे में जानने को उत्सुक नजर आ रहा है।