देश की सबसे मूल्यवान 500 कंपनियों में से 25 उत्तर प्रदेश की

इनमें से 25 कंपनियां उत्तर प्रदेश की हैं। इनमें से 21 कंपनियां नोएडा, दो कानपुर, एक गाजियाबाद और एक आगरा की है।

प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशन समूह हुरुन इंडिया ने हाल में देश की सबसे मूल्यवान 500 कंपनियों की सूची जारी की है। इनमें से 25 कंपनियां उत्तर प्रदेश की हैं। इनमें से 21 कंपनियां नोएडा, दो कानपुर, एक गाजियाबाद और एक आगरा की है। प्रदेश की सबसे मूल्यवान कंपनियों के रूप में एचसीएल नंबर एक पर है, जिसकी नेटवर्थ 3.41 लाख करोड़ है। गाजियाबाद की डाबर इंडिया, कानपुर का घड़ी समूह और रेडटेप (नोएडा में भी) व आगरा की पीएनसी इंफ्राटेक ने भी इसमें जगह बनाई है। इन कंपनियों की कुल हैसियत करीब 11 लाख करोड़ है जो 57 देशों की जीडीपी से ज्यादा है।

हुरुन इंडिया के संस्थापक और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा कि बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया की ताजा सूची से साफ है कि यूपी केवल एमएसएमई ही नहीं बल्कि बड़े औद्योगिक घरानों का प्रदेश भी बन रहा है। पिछले साल इस सूची में यूपी की 22 कंपनियां थीं, जो इस वर्ष बढ़कर 25 हो गईं। सबसे ज्यादा मूल्यवान कंपनियों वाले राज्यों की फेहरिस्त में उत्तर प्रदेश का आठवां स्थान है। महज एक साल में प्रदेश ने तीन पायदान की तरक्की की है। यूपी से ऊपर महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल हैं

देश में नोएडा नौवें स्थान पर

सबसे ज्यादा 156 मुंबई में, 59 बंगलुरु में, 39 नई दिल्ली में हैं। खास बात ये है कि पिछले साल इन तीन शहरों की 264 कंपनियां थीं, जो इस बार घटकर 254 रह गईं। नोएडा 22 कंपनियों के साथ नौंवे स्थान पर है। नोएडा से नीचे वडोदरा, कोयम्बटूर, नागपुर,जयपुर, कोच्चि, सूरत और त्रिसूर हैं। शीर्ष दस सबसे नई कंपनियों की सूची में नोएडा की मदरसंग सुमी वायर इंडिया है। वर्ष 2020 में खुली इस कंपनी की नेटवर्थ 26571 करोड़ रुपये है। शीर्ष दस सबसे पुरानी कंपनियों में भी नोएडा की केआरबीएल है। 1889 में स्थापित इस कंपनी की वैल्यू 8457 करोड़ रुपये है। 500 कंपनियां देश के 44 शहरों में स्थित हैं।

बेशकीमती कंपनियों में शुमार यूपी की कंपनियां 

 

  • रैंक नाम                                             वैल्यू और शहर
  • 9 एचसीएल                                         3.43 लाख करोड़ नोएडा
  • 43 डाबर इंडिया                                  92.75 हजार करोड़ गाजियाबाद
  • 52 हैवल्स इंडिया                                 79.52 हजार करोड़, नोएडा
  • 71 संवर्धन मदरसन                             62.58 हजार करोड़ नोएडा
  • 80 पेटीएम                                        58.52 हजार करोड़ नोएडा
  • 88 इंफो एज                                       52.68 हजार करोड़ नोएडा
  • 108 एपीएल अपोलो ट्यूब्स                    44.47 हजार करोड़ नोएडा
  • 139 जुबिलिएंट फूडवर्कस                    32.63 हजार करोड़ नोएडा
  • 143 मैक्स फाइनेंशियल                         31.85 हजार करोड़ नोएडा
  • 149 डिक्सन टेक्नोलाजीज                    30.40 हजार करोड़ नोएडा
  • 152 गुजरात फ्लोरोकेमिकल्स                30.09 हजार करोड़ नोएडा
  • 165 पाइन लैब्स                               26.10 हजार करोड़ नोएडा
  • 220 आरएसपीएल                          19.10 हजार करोड़ कानपुर
  • 256 इंडियामार्ट                         15.80 हजार करोड़ नोएडा
  • 313 शीला फोम                         11.89 हजार करोड़ नोएडा
  • 342 इंडिया एनर्जी एक्सचेंज            11.17 हजार करोड़ नोएडा
  • 358 त्रिवेणी टरबाइन                    10.76 हजार करोड़ नोएडा
  • 419 धर्मपाल सत्यपाल                     8700 करोड़ नोएडा
  • 422 पीएनसी इंफ्राटेक                    8667 करोड़ आगरा
  • 427 केआरबीएल                         8457 करोड़ नोएडा
  • 442 त्रिवेणी इंजीनियरिंग             8108 करोड़ नोएडा
  • 472 रेलीगेयर                         7555 करोड़ नोएडा
  • 483 आईनॉक्स विंड             7290 करोड़ नोएडा
  • 492 रेडटेप                               7024 करोड़ कानपुर/नोएडा

फैक्ट फाइल

  • लिस्ट में शामिल 500 कंपनियों में से 44 फीसदी सेवा क्षेत्र से जुड़ी हैं और 56 फीसदी निर्माण सेक्टर की हैं
  • 66 फीसदी कंपनियां सीधे ग्राहकों से जुड़ी हैं जबकि 34 फीसदी बिजनेस-टू-बिजनेस (बी-टू-बी) की हैं

टॉप फाइव

  • रिलायंस                   15.64 लाख करोड़
  • टीसीएस                   12.36 लाख करोड़
  • एचडीएफसी              11.25 लाख करोड़
  • आईसीआईसीआई      06.45 लाख करोड़
  • इंफोसिस                  05.71 लाख करोड़