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यह कैसा विकास, यहां रोशनी के लिए लिए मोमबत्ती ही सहारा

शाहगंज। सरकार व प्रशासन की तरफ से भले ही विकास के दावे किए जाते हो लेकिन सोंधी ब्लाक के डोमनपुर मलिन बस्ती में आज तक बिजली नहीं पहुंची। यहां के बच्चे मोमबत्ती व लालटेन में पढ़ाई करते मिल जाएंगे। इस बस्ती के 35 घरों में 100 से 125 लोग रहते हैं जोअंधेरे में अपना जीवन गुजारने को मजबूर हैं और जिम्मेदार मौन हैं।

यह हाल तब है जब इस विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक शैलेंद्र यादव उर्जा राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। फिर भी यहां पर बिजली नहीं पहुंच सकी। वर्तमान विधायक रमेश सिंह लोगों से विकास की बात तो कर रहे हैं। देखना यह होगा कि डोमनपुर गांव की मलिन बस्ती का विकास किस दिन करते हैं। एक ओर हमारा देश डिजिटल इंडिया की ओर कदम बढ़ा रहा है, तो वहीं इस गांव के लोग आज भी बिजली के लिए तरस रहे हैं। बिजली न होने से यहां के लोग मोमबत्ती के सहारे खाना बनाने से लेकर रोजमर्रा के काम में लगे रहते हैं।

मोमबत्ती के सहारे प़ढ़ाई करते हैं नौनिहाल :-

डोमनपुर गांव की मलिन बस्ती में लोग अंधेरे में रोशनी की एक किरण के लिए तरस रहे हैं। डोमनपुर के मलिन बस्ती के बच्चे चांदनी, काजल व अंजली अंधेरे में पढकर अपना भविष्य बनाने के प्रयास में जुटे हुए हैं।
बोले बस्ती के लोग :-

आज तक हमारे मलिन बस्ती में बिजली का कनेक्शन नहीं हुआ। लोग रात के अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। बच्चे पढ़ने के लिए मोमबत्ती का सहारा लेते हैं।-चंद्रबली बनवासी, डोमनपुर मलिन बस्ती।

दिन तो इधर-उधर रहकर बीत जाता है। रात में खाना बनाने के लिए मोमबत्ती का सहारा लेना पडता है। अब तो मिट्टी का तेल भी नहीं मिलता है। कई बार उच्चाधिकारियों को पत्रक के माध्यम से अवगत कराया गया लेकिन अभी तक लाभ नहीं मिला।-ममता बनवासी, डोमनपुर मलिन बस्ती।

डोमनपुर मलिन बस्ती में बिजली व ट्रांसफार्मर के लिए उच्चाधिकारियों को प्लान बनाकर भेजा गया है। वहां से स्वीकृत मिलने के बाद खंभा, ट्रांसफार्मर लगाकर बिजली दी जाएगी।-अजीत कुमार, एसडीओ खेतासराय।

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