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ग्रामोदय व्याख्यान माला, नारी सशक्तिकरण संगोष्ठी सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं हुई

ग्रामोदय महोत्सव का तीसरा दिन

अभय महाजन, राकेश तिवारी, प्रो भरत मिश्रा ने ग्रामोदय के महत्व को रेखांकित किया

डॉ क्रांति मिश्रा और नीरजा नामदेव ने नारी शक्ति परिदृश्य पर प्रकाश डाला

छात्र छात्राओं की सांस्कृतिक, बौद्धिक, ललित कला और खेल प्रतिभाओं का जलवा दिखा

चित्रकूट 10 फरवरी 2024। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय परिसर में चल रहे ग्रामोदय महोत्सव के तीसरे दिन ग्रामोदय व्याख्यान, नारी सशक्तिकरण संगोष्ठी, खेल, बौद्धिक, ललित कला, सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। आज आयोजित ग्रामोदय व्याख्यान माला को संबोधित करते हुए दीनदयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि भारत रत्न राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख ने ग्रामोदय की भावना को आत्मसात कर ग्रामोदय मॉडल को खड़ा किया था। चित्रकूट सहित देश के अनेक हिस्सों में इसके अनुरूप प्रभावी काम चल रहे हैं।

नाना जी चाहते थे कि गांव में कोई गरीब ना रहे, कोई अशिक्षित ना रहे, कोई बेकार न रहे, कोई अस्वस्थ ना हो, विवाद मुक्त गांव रहे। उन्होंने कहा कि नाना जी ने 75 वर्ष की आयु में चित्रकूट क्षेत्र के समग्र विकास के लिए ग्रामोदय संकल्पना को यथार्थ का धरातल प्रदान करने का कार्य दीनदयाल शोध संस्थान, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम आदि अनेक संस्थाओं के माध्यम से प्रारंभ किया था। श्री महाजन ने मुख्य अतिथि के तौर पर इस आशय के विचार ग्रामोदय व्याख्यान माला में प्रकट किया। उन्होंने ग्रामोदय विश्वविद्यालय परिवार से नाना जी द्वारा रचित ग्रामोदय संकल्पना एवं कार्यशैली को बार-बार पढ़ने और अपनाने का आवाहन किया।

श्री महाजन ने बताया कि नानाजी देशमुख की पुण्यतिथि के अवसर पर 25 से 27 फरवरी 2024 तक सतत विकास के लक्ष्य को लेकर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। ग्रामोदय व्याख्यान माला के मुख्य वक्ता और स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत विचार प्रमुख राकेश तिवारी ने ग्रामोदय और ग्रामोत्थान के लिए स्वदेशी विचार को क्रांति लाने वाला बताते हुए कहा कि गांव और गांव में रहने वाले लोग जब प्रफुल्लित होंगे तभी वास्तविक ग्रामोत्थान होगा। श्री तिवारी ने भारत के गौरवशाली अतीत को विस्तार से समझाते हुए कहा कि विकेंद्रीकृत व्यवस्था, नीतियां , सहकारिता , उद्यमिता एवं स्वरोजगार को अपनाकर ग्रामोदय एवं ग्रामोत्थान किया जा सकता है। स्वदेशी जागरण मंच की आवश्यकता, स्थापना एवं महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि सच्चे अर्थों में ग्रामोदय और ग्रामोत्थान को प्रभावशील बनाने में बनाने की दिशा में उद्यमिता एवं स्वरोजगार सशक्त माध्यम के रूप में उभर सकता है।

व्याख्यान माला की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा ग्रामोदय की दिशा में संचालित कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि संस्थापक कुलाधिपति भारत रत्न राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख की ग्रामोदय संकल्पना को यथार्थ रूप से क्रियान्वित करने की दिशा में सतत रूप से संकल्पित हैऔर इसके सार्थक प्रयास आना प्रारंभ हो गए हैं। स्वागत उद्बोधन ग्रामोदय व्याख्यान माला के संयोजक प्रो आई पी त्रिपाठी एवं आभार प्रदर्शन ग्रामोदय महोत्सव के संयोजक प्रो नंदलाल मिश्रा ने किया। संचालन डॉक्टर ललित कुमार सिंह ने किया।

नारी सशक्तिकरण संगोष्ठी आयोजित

सीएमसीएलडीपी सभागार में आज नारी सशक्तिकरण संगोष्ठी आयोजित हुई। इस संगोष्ठी का विषय वर्तमान परिदृश्य में नारी शक्ति था। ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भरत मिश्रा मुख्य अतिथि रहें। कुलसचिव नीरजा नामदेव ने संगोष्ठी की अध्यक्षता की।मुख्यवक्ता के रूप में डॉ क्रांति मिश्रा, विभागाध्यक्ष हिंदी,शासकीय स्नातकोत्तर महा विद्यालय सतना ने व्याख्यान दिया।विशिष्ट अतिथि डॉ छाया श्रीवास्तव,प्राचार्य रामा कृष्ण महाविधालय,सतना, विशिष्ट अतिथि डॉ अर्चना चतुर्वेदी रही।श्रीमती अर्चना सिंह समाजसेवी सतना,श्रीमती अनीता शुक्ला एडवोकेट सतना,डॉ वंदना पाठक, सपना वर्मा ,अंजलि सोनी, सुस्मिता सेन आदि ने अपने विचार रखे।विषय प्रवेश व कार्यक्रम का संयोजन डॉ नीलम चौरे ने किया।संचालन गायत्री ने किया।

बौद्धिक प्रतियोगिता

हिंदी भवन में डॉ राम मूर्ति त्रिपाठी के संयोजन में बौद्धिक प्रतियोगिता संपन्न हुई, जिसमें भाषण हुए। 13 प्रतिभागियों ने सहभागिता कर अपने विचार व्यक्त किए।

खेल प्रतियोगिता

खेल परिसर में डॉ विनोद कुमार सिंह के संयोजन में खेल प्रतियोगिता संपन्न हुई, जिसमें प्रतिभागियों ने पूरे उत्साह के साथ सहभागिता की।

सांस्कृतिक प्रतियोगिता

विवेकानंद सभागार में डॉ आर के पांडेय के संयोजकत्व में नृत्य, गायन, वादन की रंगारंग सांस्कृतिक प्रतियोगिता संपन्न हुई, जिसमें छात्र छात्राओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाने के सहपाठी छात्र छात्राओं ने भी सहभागिता की।

ललित कला प्रतियोगिता

व्यवसायिक कला विभाग भवन में डॉ प्रसन्न पाटकर के संयोजकत्व में संपन्न ललित कला प्रतियोगिता के अंतर्गत पेंटिंग, फोटो ग्राफी, रंगोली प्रतियोगिता संपन्न हुई, जिसमें छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

आज ग्रामोदय महोत्सव के तीसरे दिन के कार्यक्रम में शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, शोधार्थी, छात्र छात्राओं ने सहभागिता की।

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