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भ्रष्टाचार का अनोखा मामला: केस से नाम हटवाने के लिए मांगे 5 लाख, असमर्थता जाहिर की, EMI पर लेने लगा रिश्वत

  बरेली में भष्टाचार के अनोखे मामले ने हर किसी को हैरान कर दिया है। केस से नाम हटाने के लिए दरोगा ने 5 लाख रुपये घूस मांगे थे। आरोपितों के पास इतने पैसे नहीं थे। दरोगा ने उन्हें ईएमआई पर रकम चुकाने का ऑफर दे दिया।

    बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली से भ्रष्टाचार के अलग ही खेल का मामला सामने आया है। घूसखोरी भी अब किस्तों शुरू हो गई है। घूस की रकम ज्यादा होने पर घूसखोर बाकायदा ‘EMI’ बांध रहे हैं। मामला बरेली का है। आरोप है कि शहर के किला थाने में दर्ज मुकदमे में नामजद दो लोगों के नाम निकलवाने के लिए प्रेम नगर थाने के दरोगा पर पांच लाख रुपये बतौर रिश्वत मांगे। आरोपितों ने इतनी रकम दे पाने में असमर्थता जाहिर की तो दरोगा ने ‘EMI’ तय कर दी। 50 हजार रुपये की पहली किस्त लेने दरोगा आरोपितों के पास पहुंचा तो विजिलेंस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दारोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में FIR दर्ज की गई है।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बरेली के किला थाने में दर्ज एक मुकदमे में आरोपित महिला और व्यक्ति के नाम निकालने को लेकर प्रेमनगर थाने के दरोगा राम अवतार ने पांच लाख रुपये रिश्वत मांगी थी। उस व्यक्ति ने एसपी विजिलेंस से इसकी लिखित शिकायत की थी। विजिलेंस की टीम ने रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर 50 हजार रुपये लेते दारोगा को कैंट इलाके के नकटिया में गिरफ्तार कर लिया। बरेली विजिलेंस के एसपी अरविंद कुमार का कहना है कि दारोगा ने किस्तों में घूस की रकम देने को कहा था। पीड़ित की शिकायत पर टीम ने दरोगा को मौके पर पकड़ लिया। उसके खिलाफ केस दर्ज अदालत में पेश करने बाद जेल भिजवाया जाएगा।

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