3:40 AM:लखनऊ में खत्म नहीं हुआ एनकाउंटर, दूसरे आतंकी को पकड़ने की कोशिश|
1:00 AM: लखनऊ में पिछले 10 घंटे से लगातार जारी है मुठभेड़, घर में छिपे हैं 2 आतंकी
11:36 PM: लखनऊ में मुठभेड़ में एक आतंकी घायल, घर के अंदर दिखा दूसरा संदिग्ध आतंकी
9.30 PM: एटीएस आईजी के नेतृत्व में आतंकियों से निपटने के लिए एटीएस के 20 एक्सपर्ट कमांडो पहुंचे हैं। उनके साथ कई एटीएस प्रभारी भारी टीम के साथ मौजूद हैं।
9.06 PM: एटीएस आईजी के नेतृत्व में आतंकियों से निपटने के लिए एटीएस के 20 एक्सपर्ट कमांडो पहुंचे हैं। उनके साथ कई एटीएस प्रभारी भारी टीम के साथ मौजूद हैं।
8.45 PM: एटीएस ने नाइट विजन कैमरे मंगवाए हैं ताकि ऑपरेशन जारी रखा जा सके।
8.40 PM: मौके पर एटीएस और यूपी पुलिस के जवान मोर्चा संभाले हुए हैं। शुरुआती तस्वीरें। (PTI)
8:22 PM: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा है, ”हम सतर्क हैं। हमने देश भर में एलर्ट जारी कर दिया है।” अहीर ने कहा कि यूपी पुलिस अच्छा काम कर रही है।
बताया जा रहा है कि मकान में दो आतंकी छिपे हुए हैं। एसएसपी मंजिल सैनी ने भी इसकी पुष्टि कर दी है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। अंतिम चरण के विधानसभा चुनाव से एक दिन पहले मंगलवार को लखनऊ के दुबग्गा इलाके की हाजी कॉलोनी के एक घर में छिपे आतंकियों और एटीएस कमांडो के बीच मुठभेड़ नौ घंटे बाद भी जारी है।
अब तक दर्जनों राउंड फायरिंग हो चुकी है लेकिन आतंकी दबोचे नहीं जा सके हैं। बताया जा रहा है कि मकान में दो आतंकी छिपे हुए हैं। एसएसपी मंजिल सैनी ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। एटीएस और पुलिस के कमांडो मोर्चा संभाले हुए हैं। कमांडो मकान की छत और दीवारों में ड्रिल करके नाइट विजन कैमरे की मदद से आतंकियों की लोकेशन लेने में लगे थे।
उधर, आतंकियों के साथ मुठभेड़ पर गृह मंत्रालय भी नजर बनाए हुए है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने डीजीपी से घटना के बारे में फोन पर जानकारी मांगी। गृहमंत्री ने डीजीपी को पूरी मदद देने का भरोसा भी दिलाया है। पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। एयरपोर्ट से लेकर रेलवे स्टेशन तक में चौकसी बढ़ा दी गयी है।
कमरे में आतंकी, पुलिस बाहर
एटीएस को सूचना मिली थी कि मलिहाबाद निवासी बादशाह खान के मकान में कुछ खतरनाक आतंकी छिपे हैं। बादशाह खान सऊदी अरब में नौकरी करता है। इस सूचना पर पहुंचे एटीएस के बीस कमांडो ने आसपड़ोस के मकानों पर घेराबंदी कर ली और उससे समर्पण को कहा तो अंदर से फायरिंग शुरू कर दी।
मिर्ची बम और आंसू गैस का भी इस्तेमाल
आंतकियों को कमरे से बाहर निकालने के लिए कमांडो ने पहले आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इसके बावजूद आतंकी सरेंडर को तैयार नहीं हुए। थोड़ी देर बाद आतंकियों को काबू करने के लिए मिर्ची बम का भी इस्तेमाल किया लेकिन यह भी कारगर नहीं रहा।
नाइट विजन कैमरे भी मंगाए गए
ऑपरेशन लंबा खिंचने और रात का अंधेरा होने के चलते एटीएस कमांडो के लिए नाइट विजन कैमरे भी मंगाए गए। इस दौरान लगातार फायरिंग चलती रही। आतंकियों को अपने टारगेट पर लेने के लिए एटीएस गैस कटर मंगाकर छत काटने के प्रयास में भी जुटी हुई है।
पहली बार लखनऊ में आतंकियों से मुठभेड़
लखनऊ में पहली बार इस तरह से आतंकियों से पुलिस की आमने-सामने मुठभेड़ हुई है। आतंकी तो राजधानी में कई बार दबोचे गए लेकिन ऐसा नजारा पहली बार देखने को मिला है।
सरेंडर नहीं शहादत चाहिए
घिरा होने के बावजूद आतंकियों ने आत्मसमर्पण करने से इन्कार कर दिया। एटीएस के अधिकारियों ने आतंकियों से कई बार हथियार डालकर बाहर आने को कहा लेकिन हर बार अंदर से आवाज आयी कि हमें सरेंडर नहीं शहादत चाहिए।
दिनभर कैसे चला घटनाक्रम?
1) सुबह एमपी में ट्रेन में ब्लास्ट
–भोपाल से 70 किमी दूर कालापीपल में जबड़ी स्टेशन के पास मंगलवार सुबह 9 बजकर 38 मिनट पर भोपाल-उज्जैन पैसेंजर (59320) ट्रेन के जनरल कोच में ब्लास्ट हुआ। इसमें 9 लोग जख्मी हो गए। IED ब्लास्ट के बाद कोच में छेद हो गया। एमपी पुलिस ने पुष्टि की कि यह एक आतंकी हमला था। चलती ट्रेन से चार लोगों के भागने की खबर आई।
2) दोपहर 12 बजे बाद में पिपरिया से संदिग्धों की गिरफ्तारी
– दोपहर 12.30 बजे इंटेलिजेंस इनपुट के बेस पर एमपी के पिपरिया के चेतक टोल नाके से 4 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। ये भोपाल के नादरा बस स्टैंड से एक बस में सवार हुए थे। बस रोककर इन संदिग्धों को पुलिस ने अरेस्ट किया और एटीएस के हवाले किया। दोपहर 2.30 बजे तक इनसे भोपाल में पूछताछ चली।
– माना जा रहा है कि इन्हीं संदिग्धों में कानपुर और लखनऊ में संदिग्धों की मौजूदगी के बारे में बताया।
3) दोपहर ढाई बजे कानपुर से अरेस्ट सस्पेक्ट ने लखनऊ के बारे में इन्फॉर्मेशन दी
– कानपुर के चकेरी थाना के तिवारीपुर ताडबगिया मोहल्ले से लखनऊ एसटीएफ की टीम ने एक संदिग्ध को अरेस्ट किया। उसका नाम फैजान बताया जा रहा है। – सूत्रों के मुताबिक, फैजान ने ही लखनऊ के एक घर में छिपे आतंकी के बारे में जानकारी दी। बाद में कानपुर से एक और इटावा से भी एक संदिग्ध को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया।
4) साढ़े 3 बजे लखनऊ में एनकाउंटर शुरू हुआ
– ठाकुरगंज में यूपी एटीएस ने एक मकान पर ऑपरेशन शुरू किया। घर के अंदर एक संदिग्ध मौजूद था। उससे बातचीत की कोशिश हुई। लेकिन उसने सरेंडर से इनकार कर दिया। कमांडोज ने ऑपरेशन जारी रखा।
5) रात करीब साढ़े आठ बजे
– गैस कटर के जरिए पुलिस और एटीएस ने दीवार में छेदकर अंदर का जायजा लिया। आतंकी बेहोश पड़ा था। लेकिन उसके हाथ में हथियार था।
6) रात साढ़े नौ बजे
– कमांडोज डॉक्टरों को साथ लेकर घर के अंदर दाखिल हुए। बाद में पुलिस ने संदिग्ध के मारे जाने की पुष्टि की। लेकिन तुरंत बाद पुलिस ने कहा कि घर के अंदर एक और संदिग्ध है।
– बताया जा रहा है कि जब कमांडोज ने गैस कटर से घर की छत में छेद किया तो अंदर दो लोग दिखाई दिए।
क्या बोले एडीजी? – एडीजी दलजीत चौधरी ने कहा- इनपुट मिला था कि कुछ संदिग्ध कानपुर और लखनऊ में छुपे हुए हैं। कानपुर के संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया है। दूसरे संदिग्ध को पुलिस ने लखनऊ में उसके घर में घेरा। उसका सरेंडर कराने की कोशिश की गई। उसके पास हथियार था।
चिली बम का भी हुआ इस्तेमाल – एटीएस के आईजी असीम अरुण ने बताया, ”ऐसी सूचना मिली थी कि यहां एक संदिग्ध व्यक्ति है। उसके पास कोई होस्टेज नहीं था, इसलिए हमारे पास समय था। हमने चिली बम का भी इस्तेमाल किया। उसने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। ऐस लगा कि उसके पास हथियार हैं। लेकिन वो अकेला था। हमें कोई जल्दी नहीं था। उसने रुक-रुककर फायरिंग की थी। हम उसे जिंदा अरेस्ट करना चाहते थे।”
कहां है ठाकुरगंज?
– जिस इलाके में एनकाउंटर चला, वो रिहायशी कॉलोनी है। कॉलोनी नई है। इसलिए लोग एक-दूसरे के बारे में ज्यादा वाकिफ नहीं हैं। घर भी दूर-दूर बने हैं। – ये लखनऊ का बॉर्डर एरिया है। यहां से हरदोई जिला शुरू हो जाता है। बदमाश इस इलाके में अपना ठिकाना बनाते रहे हैं।
कॉलोनी के लोगों ने क्या बताया? – आस-पास के लोगों के मुताबिक इस मकान में 6 महीने से 4 लोग रह रहे थे। इसमें यह संदिग्ध आतंकी भी शामिल है। – एटीएस जब यहां पहुंची तो एक संदिग्ध ही घर में मौजूद था। बाकी के 3 लोग यहां से निकल चुके थे। – इनके पास कानपुर के नंबर की एक बाइक भी थी। – पड़ोसियों का कहना है कि इन्होंने खुद को स्टूडेंट बताकर मकान किराए पर लिया था। – मकान मलिहाबाद के रहने वाले बादशाह का है, जो खाड़ी के किसी देश में काम करते हैं।