नई दिल्ली, तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश की यात्रा की अनुमति देने पर चीनी मीडिया ने भारत को चेतावनी दी है। चीनी सरकारी मीडिया ने कहा है कि दलाई लामा की यात्रा को अनुमति देकर भारत जानबूझकर चीन के साथ विवाद को हवा दे रहा है। अगर दलाई लामा अरुणाचल की यात्रा करते हैं तो दोनों देशों के द्विपक्षीय समझौतों के गंभीर नतीजे देखने को मिलेंगे।
सरकारी मीडिया ने सोमवार को कहा कि 81 वर्षीय दलाई लामा कोई आध्यात्मिक गुरू नहीं हैं, वह एक अलगाववादी हैं। चीनी सरकार ने इससे पहले उन्हें ‘मेमने की खाल में भेडि़या’ कहा था। साथ ही उन पर तिब्बत और उसके आस पास के प्रांतों में लोगों को आत्मदाह के लिए उकसाने का अरोप लगाया था।
इससे पहले पिछले सप्ताह में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा था, चीन इस सूचना को लेकर बहुत चिंतित है कि भारत ने दलाई लामा को अरूणाचल प्रदेश की यात्रा की अनुमति दी है।
गेंग के बयान पर नयी दिल्ली में भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत का रूख सर्वविदित है और वह नहीं बदला है।
चीन का दावा है कि अरूणाचल तिब्बत का एक हिस्सा है और वह किसी शीर्ष नेता, अधिकारी तथा राजनयिक की इस क्षेत्र की यात्रा पर नियमित रूप से आपत्ति जताता है।
चीन ने पिछले साल अक्तूबर में भी इसी तरह की चिंताएं जताई थीं जब भारत ने राज्य सरकार के न्यौते पर तिब्बती आध्यात्मिक गुरू को अरूणाचल प्रदेश की यात्रा की अनुमति दी थी।
यह यात्रा इसी साल होने की संभावना है।
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