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रूस को लेकर ट्रंप का यूटर्न, कहा- युद्ध विराम और शांति समझौता न होने तक प्रतिबंध और टैरिफ लगाएंगे

अब तक शांति समझौते को लेकर रूस का समर्थन कर रहे ट्रंप ने प्रतिबंध और टैरिफ लगाने का एलान किया है। ट्रुथ सोशल पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने लिखा कि युद्ध के मैदान में इस समय रूस यूक्रेन पर पूरी तरह से हावी है। मैं रूस पर बड़े पैमाने पर बैंकिंग प्रतिबंध, प्रतिबंध और टैरिफ लगाने पर गंभीरता से विचार कर रहा हूं।

रूस-यूक्रेन युद्ध विराम की पहल कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूटर्न लिया है। अब तक शांति समझौते को लेकर रूस का समर्थन कर रहे ट्रंप ने प्रतिबंध और टैरिफ लगाने का एलान किया है। ट्रुथ सोशल पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने लिखा कि युद्ध के मैदान में इस समय रूस यूक्रेन पर पूरी तरह से हावी है।

उन्होंने कहा कि इसलिए मैं रूस पर बड़े पैमाने पर बैंकिंग प्रतिबंध, प्रतिबंध और टैरिफ लगाने पर गंभीरता से विचार कर रहा हूं। जब तक युद्ध विराम और शांति पर अंतिम समझौता नहीं हो जाता। रूस और यूक्रेन से कहता हूं कि वे अभी बातचीत की मेज पर आ जाएं। इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।

अब तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस के समर्थन में बोल रहे थे। उन्होंने पिछले दिनों रूसी व्लादिमीर पुतिन से रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए बात भी की थी। पिछले सप्ताह जब जेलेंस्की व्हाइट हाउस में ट्रंप से मिलने पहुंचे थे तो ट्रंप ने कहा था कि अगर मैं पुतिन के साथ खुद को नहीं जोड़ता, तो आप कभी भी सौदा नहीं कर पाएंगे। आप चाहते हैं कि मैं पुतिन के बारे में बुरी बातें कहूं और फिर उनसे सौदा करने की कोशिश करूं, लेकिन ऐसा नहीं होता।

    अमेरिका ने रूस को आक्रमणकारी मानने से किया था इनकार
पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका ने यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस को दोषी ठहराने से इनकार कर दिया था। दरअसल, तीन साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में तीन प्रस्ताव लाए गए थे। इन प्रस्तावों के खिलाफ में अमेरिका ने वोटिंग की। यह पहली बार है जब रूस-यूक्रेन मुद्दे पर अमेरिका अपने यूरोपीय सहयोगियों के खिलाफ कोई कदम उठाया है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में अमेरिका ने यूरोप समर्थित यूक्रेनी प्रस्ताव के खिलाफ मतदान में रूस का साथ दिया है। इस प्रस्ताव में मास्को की आक्रामकता की निंदा की गई थी और रूसी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग को उठाया गया था। 15-सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से पारित प्रस्ताव में 10 सदस्यों ने पक्ष में मतदान किया और फ्रांस समेत पांच देशों ने वोटिंग से परहेज किया।

अमेरिका ने अपना एक अलग प्रस्ताव पेश किया, जिसमें युद्ध समाप्त करने की अपील की गई थी, लेकिन रूस की आक्रामकता का जिक्र नहीं था। जब फ्रांस और यूरोपीय देशों ने इसमें संशोधन जोड़कर रूस को आक्रमणकारी घोषित कर दिया, तो अमेरिका ने मतदान से बचने का फैसला किया।

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