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भारत और चीन दोनों देशों की सीमाओं पर लंबे समय से चली आ रही स्थिति का तत्काल समाधान किया जाना चाहिए-मोदी

भारत के साथ मजबूत संबंध दोनों देशों के हित में’,
PM Modi की टिप्पणी पर चीन ने और क्या कुछ कहा?
   पीटीआई, बीजिंग। चीन ने गुरुवार को कहा कि चीन और भारत के बीच मजबूत और स्थिर संबंधों से दोनों देशों के साझा हित पूरे होते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीन ने यह बात कही है। इससे एक दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत के साथ चीन के संबंध महत्वपूर्ण हैं।
पीएम मोदी ने क्या कहा?
अमेरिकी पत्रिका न्यूजवीक को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि दोनों देशों की सीमाओं पर लंबे समय से चली आ रही स्थिति का तत्काल समाधान किया जाना चाहिए। मोदी ने उम्मीद जताई थी कि राजनयिक और सैन्य स्तरों पर द्विपक्षीय बातचीत के माध्यम से दोनों देश अपनी सीमाओं पर शांति और स्थिरता बहाल करने में सक्षम होंगे।
दोनों देशों के साझा हित होते हैं पूरेः चीन
गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग से जब मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, चीन ने प्रधानमंत्री की टिप्पणियों पर गौर किया है। हमारा मानना है कि चीन और भारत के बीच मजबूत और स्थिर संबंधों से दोनों देशों के साझा हित पूरे होते हैं। यह क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
माओ निंग ने कहा कि जहां तक सीमा का प्रश्न है, यह भारत-चीन संबंधों की संपूर्णता का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। इसे द्विपक्षीय संबंधों में उचित रूप से रखा जाना चाहिए और ठीक से सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य माध्यमों से करीबी संपर्क में हैं।
  चीन पर प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया अप्रभावी और कमजोर: कांग्रेस
कांग्रेस ने चीन द्वारा सीमा उल्लंघन मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिक्रिया को अप्रभावी और कमजोर बताया। पार्टी ने मांग की कि पीएम मोदी जून 2020 के अपने बयान के लिए 140 करोड़ भारतीयों से माफी मांगें कि कोई भी भारत में नहीं घुसा है और न ही किसी ने किसी चौकी पर कब्जा किया है।
जयराम रमेश ने क्या कहा?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, चीन द्वारा भारतीय संप्रभुता का बार-बार उल्लंघन किए जाने पर पीएम की एकमात्र टिप्पणी यह थी कि द्विपक्षीय बातचीत में ”विषमता” को हल करने के लिए सीमा की स्थिति का तत्काल समाधान करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री के पास चीन को कड़ा संदेश देने का मौका था। हालांकि, उनकी अप्रभावी और कमजोर प्रतिक्रिया से चीन को भारतीय क्षेत्र पर अपना दावा जताने के लिए और अधिक प्रोत्साहन मिलने की आशंका है।
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