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विधि-विधान से खुले ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट

केदारनाथ/रूद्रप्रयाग.

विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट जय बाबा केदारनाथ के उद्घोष तथा  सेना की ग्रेनेडियर रेजीमेंट की बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच विधि- विधान से खुल गए. इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने.

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कपाट खुलने के अवसर पर उपस्थित रहे. उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी. देश‌ एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की. मंदिर को 20 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया गया था. कपाट खुलते समय तीर्थयात्रियों पर आकाश से हैलीकाप्टर द्वारा पुष्प वर्षा हुई.

श्रद्धालुओं के लिए जगह – जगह भंडारे आयोजित किये गये हैं. आज  केदारनाथ में मौसम साफ रहा. आस-पास तथा दूर बर्फ होने से सर्द बयारें चलती रही.

कपाट खुलने की प्रक्रिया के तहत कल बृहस्पतिवार 9 मई शाम को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड होते हुए श्री केदारनाथ धाम पहुंच गयी थी.

आज शुक्रवार प्रातः चार बजे से मंदिर परिसर तथा दर्शन पंक्ति में यात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था. रावल धर्माचार्य तथा पुजारी गणों ने द्वार पूजा शुरू की. भगवान भैरवनाथ तथा भगवान शिव का आह्वान कर ठीक सुबह सात बजे श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिये गए. कपाट खुलने के बाद भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से श्रृंगार रूप दिया गया. उसके पश्चात दर्शन प्रारंभ हुए.

कपाट खुलने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शुभकामनाएं दी. कहा कि बीते यात्राकाल में रिकार्ड तीर्थ यात्री श्री केदारनाथ धाम पहुंचे थे. इस वर्ष भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी.

6 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान भैरवनाथ जी की पूजा हुई थी. भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोग मूति 9 मई को केदारनाथ धाम पहुंच गई थी.

शनिवार 11 मई को श्री केदारनाथ धाम में श्री भकुंट भैरव मंदिर के द्वार खुलने के साथ श्री केदारनाथ मंदिर में नित्य प्रति आरतियां एवं संध्याकालीन आरतियां शुरू हो जाएंगी.

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