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……यानी सनातन कोई अंधविश्वास नहीं 100% विज्ञान है

आज दो वैज्ञानिक तथ्य पेश करेंगें
पहला: हजारों किलो के पत्थरों से बने हजारों लाखों साल पुराना स्ट्रक्चर
एवं दूसरा : एक ही महादेव के कई युगों में प्रकट होने का विज्ञान
        अभी का मनुष्य 5-6 फिट का है तो औसतन 50 KG तक वजन उठा लेता है
वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार पृथ्वी पर आक्सीजन 35 % पहुचने पर सभी जीवों की छमता एवं हाइट 15-20 गुणा बढ़ सकती है
इस अनुसार मनुष्य भी 120-140 फिट के होंगें एवं छमता 1000 KG तक वजन उठाने की होगी
अरुण कुमार सिंह (संपादक)
एक और वैज्ञानिक रिसर्च में बताया गया है कि आज से करोड़ो साल पहले पृथ्वी का आक्सीजन लेवल 35 % पर था
     इस अनुसार उंस समय के 120-140 फिट के मानव
मिस्र के पिरामिड जैसी शृंखला एवं
भारत के बड़े बड़े पत्थरों से बने मंदिर आसानी से बिना किसी पोकलेन या किरान की मदद लिए, आज के ईट की तरह सजाकर स्ट्रक्चर बना सकते थे
और ऐसा ही हुआ भी है
लेकिन आज के 6फुटीए मानव को यह सब स्ट्रक्चर देख कर आश्चर्य महसूस होता है
दूसरा तथ्य :
विज्ञान एवं आइंस्टीन के अनुसार अगर आप प्रकाश की गति से ट्रैवल करते हैं तो समय की गति रुक जाती है
यानी अगर आप प्रकाश की गति से अंतरिक्ष में 5 साल यात्रा करते हैं तो जब आप पृत्वी पर वापस आने पर यहाँ हजारों साल यानी कई युग वित चुका होगा जबकि आपकी उम्र केवल 5 साल ही बढ़ेगी
अब इसी थियोरी को अपने भगवानों पर लगाते हैं
मान लो कि ब्रह्मा-विष्णु-महादेव के पास लाइट की स्पीड से चलने वाली कोई टेक्नोलॉजी हो और वे ब्रह्मांड के अलग अलग गैलेक्सियों में घूमने में सक्षम हो एवं उनके पास आपस मे कनेक्टिविटी के लिए भी कोई तो यंत्र होंगे ही
अब विज्ञान के अनुसार मान लो कि वे लोग यही साल-दो साल पहले यहाँ से कहीं अंतरिक्ष में घूमने निकले हो जबकि पृथ्वी पर इतने समय में ही हजारों साल में कई जनरेशन जन्म-मरण सब गुजर जाएंगे
      अब तबतक यहाँ हमलोग कलबला रहे हैं कि भगवान कहा है, कोई भगवान नहीं होता , कोई कहता है भगवान ऊपर आकाश में रहते हैं कोई कहता है भगवान नीचे पाताल में रहते हैं
         और इसी बीच जब उन्हें जरूरत महसूस होती होगी तो सुदूर अंतरिक्ष जिसे स्वर्ग भी कह सकते हैं वहाँ से घूमते हुए पहुँच जाते होंगे
लेकिन यह क्या उनके साल-दो साल के सफर में ही यहाँ हजारों साल बीत कर कई पीढियां खत्म हो जाएगी
इस अनुसार वे लोग चाहेगे तो हर युगों में उपलब्ध होते रहेंगे जबकि उनका ऐसा करना 5-7 साल ही गुजरेंगे
        और यह काम आइंस्टीन के अनुसार पृथ्वी का कोई आम साधारण मनुष्य भी लाइट के स्पीड से अधिक तेज चलके कर सकता है, इसमें कोई जादू नहीं है
यानी
       ब्रह्मा-विष्णु-महेश कोई कल्पना नहीं हकीकत हैं और वे जब चाहे पृथ्वी के अनुसार जिस युग में चाहे या फिर भविष्य में भी कभी प्रकट हो सकते हैं
    फिजिक्स के अनुसार यह मात्र 4-5 साल का काम है, जबकि पहले के मानवों की आयु हजारों साल होती थी
यानी सनातन कोई अंधविश्वास नहीं 100% विज्ञान है।
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