
सुझावों पर अमल हुआ तो सिंचाई विभाग व प्राइमरी स्कूलों के 20 हजार से अधिक पद समाप्त हो सकते हैं। इसी तरह 20 हजार से अधिक पदों को एक विभाग से दूसरे में हस्तांतरित किया जा सकता है। अच्छा संकेत ये है कि एकमुश्त 59 हजार से अधिक नए पद सृजित किए जा सकते हैं।
आयोग ने संग्रह अमीन सहित कई ऐसे पदों को चिह्नित किया है जिनकी भूमिका अब सीमित होती जा रही है। ऐसे पदों व कार्यों की समीक्षा कर नए सिरे से उनका निर्धारण करने की संस्तुति गई है।
59 हजार ग्राम पंचायतों में नए पद बनेंगे
प्रदेश के विभिन्न विभागों द्वारा अधिकांश योजनाओं का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से संचालन करीब 59 हजार ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जा रहा है। पंचायत स्तर पर संबंधित विभाग के कार्मिकों की अनुपलब्धता से जनकल्याणकारी योजनाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसी के मद्देनजर प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त ग्राम सचिवालय की स्थापना और इनमें कम से कम एक प्रशिक्षित कार्मिक की तैनाती की सिफारिश की गई है।
बंद हो सकते 10 हजार बेसिक विद्यालय
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बेसिक शिक्षा विभाग में 10,000 से अधिक प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जिनके लिए आवश्यक न्यूनतम 30 छात्र उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। इनको बंद कर वहां तैनात शिक्षकों को अन्य विद्यालयों में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है। यहां के छात्रों को निकट के प्राइमरी या निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाने को कहा गया है।
चतुर्थ श्रेणी अनुकंपा नियुक्ति पर रोक का सुझाव
इसके साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग में भविष्य में अनुकंपा के आधार चतुर्थ श्रेणी के रूप में नियुक्ति की व्यवस्था पर नए सिरे से विचार करने का निर्देश दिया गया है।
सिंचाई विभाग : 10 हजार पद व भूमि अध्याप्ति विभाग खत्म होगा
समिति ने कहा है सिंचाई विभाग में विभिन्न श्रेणी के 10,000 अनुपयोगी पदों को समाप्त कर दिया जाए। इसी तरह बदले परिवेश में भूमि अध्याप्ति विभाग की आवश्यकता न होने का तर्क देते हुए विभाग के विभिन्न श्रेणी के पदों को दूसरे विभागों में हस्तांतरित करने को कहा गया है।
अनुपयोगी निगम, स्वशासी संस्थाएं भी हों बंद
ऐसे निगमों, स्वशासी संस्थाओं में जिनकी उपयोगिता समाप्त हो गई है, अथवा वे उन उद्देश्यों की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं, जिनके लिए उनका गठन किया गया था, उन्हें समाप्त करने की संस्तुति की गई है।