हमीरपुर। सपा सरकार में तत्कालीन डीएम बी चंद्रकला समेत अन्य दो जिलाधिकारियों ने नियम विरुद्ध 63 खनन पट्टे किए थे। हाईकोर्ट के रोक लगाने के बाद भी जिले में खनन का काम चलता रहा। जिला प्रशासन ने हलफनामा देकर खनन बंद होने की बात कही थी। जिसे सीबीआई ने जांच में गलत पाया। इसी मामले में सीबीआई अब दो तत्कालीन जिलाधिकारियों समेत अन्य अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी में है।
जनहित याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी ने बताया सपा सरकार मेें हुए खनन घोटाले की अपील पर उच्च न्यायालय ने 63 मौरंग पट्टों को अवैध घोषित किया था। बताया 13 अप्रैल 2012 से 8 जून 2014 तक जिले में रहीं डीएम बी चंद्रकला ने 53 मौरंग खनन पट्टे किए थे। वहीं 9 जून से 11 अक्तूबर 2014 तक रहे डीएम भवनाथ ने चार पट्टे किए। जबकि 12 अक्तूबर 2014 से 27 मार्च 2016 तक जिलाधिकारी रहीं संध्या तिवारी ने छह पट्टे किए। उन्होंने बताया मौरंग खनन की जांच कर रही सीबीआई ने तत्कालीन डीएम बी चंद्रकला के खिलाफ एफआईआर पहले ही दर्ज कर ली थी।
बताया हाईकोर्ट ने सभी पट्टे निरस्त कर खनन रोकने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद अधिकारी खनन का कार्य कराते रहे हैं। जिस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जता आदेश जारी कर जवाब मांगा था। इस पर जिला प्रशासन ने हलफनामा देकर खनन न होना बताया था। जनहित याचिकाकर्ता ने बताया जांच कर रही सीबीआई ने मौरंग खनन के इस खेल में दो तत्कालीन जिलाधिकारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में है।