पुलिस लाइन सभागार कक्ष में राष्ट्रीय तम्बाकू निषेध कार्यक्रम के तहत लाइन्फोर्सर की ओरियंटेशन कार्यशाला

जौनपुर – तम्बाकू निषेध कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ राजीव कुमार ने बताया कि इस समय देश की एक तिहाई आबादी अर्थात 1,00 में से 30 से 35 प्रतिशत लोग तम्बाकू का सेवन किसी न किसी रूप में करते हैं।
देश में प्रतिवर्ष 20 लाख से ज्यादा लोगों की मौत तम्बाकू के सेवन से होती है। एक तरह से हिरोशिमा और नागासाकी में एटम बम गिरने से हुई मौत से ज्यादा ही जनसंख्या किसी न किसी रूप में तम्बाकू के सेवन से जान गंवा देती है।
वह पुलिस लाइन सभागार कक्ष में राष्ट्रीय तम्बाकू निषेध कार्यक्रम के तहत लाइन्फोर्सर की ओरियंटेशन कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने तम्बाकू सेवन से होने वाली शारीरिक, आर्थिक क्षति के साथ ही तम्बाकू सेवन का उपयोग रोकने के लिए बने कोटपा 2003 कानून की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 23.1 प्रतिशत पुरुष, 3.2 प्रतिशत महिलाएं किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन कर रहे हैं। वहीं शहरी क्षेत्र में 8.2 प्रतिशत तथा
ग्रामीण क्षेत्र में 15.2 प्रतिशत लोग इसके सेवन करनेवाले हैं। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर तम्बाकू का सेवन करते पाए जाने पर कोटपा के तहत संबंधित व्यक्ति पर 2,00 रुपए जुर्माना वसूले जाने का प्रावधान है। उन्होंने सार्वजनिक स्थल की रूपरेखा भी बताई। उन्होंने बताया कि ऐसे स्थान जहां पर ज्यादा लोगों का आना-जाना हो और खुले हों उन्हें सार्वजनिक स्थल समझ सकते हैं जैसे रेलवे स्टेशन, अस्पताल परिसर, आडिटोरियम आदि आते हैं।
उन्होंने बताया कि धारा-5 किसी को भी तम्बाकू या तम्बाकू से बने पदार्थ की प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रचार-प्रसार की इजाजत नहीं देता है। ऐसे लोगों पर मुकदमा किया जा सकता है। धारा-6 कहती है कि 18 साल से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति न तो ऐसे उत्पाद खरीद सकता है और न ही उसे बेच सकता है। इसलिए शैक्षणिक संस्थानों के 1,00 गज के अंदर कोई भी ऐसी दुकान नहीं हो सकती जहां सिगरेट/तम्बाकू बेचा जा सके। उन्होंने बताया कि तम्बाकू के सेवन से हृदय रोग, सांस की नली, फेफड़े की बीमारी, मधुमेह और कैंसर रोग की समस्या बढ़ती है। तम्बाकू का सेवन एक तरह से कैंसर को निमंत्रण देने जैसा है। तम्बाकू के सेवन से सर से पांव तक हर अंग में समस्या आती है। मुंह का कैंसर, जीभ का कैंसर, गले का कैंसर, फेफड़े का कैंसर आदि इसके उदाहरण हैं। उन्होंने बताया कि गर्भवती और उसके बच्चे पर भी तम्बाकू सेवन का प्रभाव पड़ता है। ऐसी स्थिति में बच्चा मृत पैदा हो सकता है या उसका अंग विपरीत हो सकता है। वहीं प्रतिसार निरीक्षक रंजीत राव पाल ने कहा कि तम्बाकू या तम्बाकू उत्पादों का उपयोग छोड़ने के लिए इच्छा शक्ति की जरूरत होगी। एक बार जब आप छोड़ने की ठान लेंगे तो 10 दिन ज्यादा दिक्कत आएगी। उसके बाद आपका शरीर और मन फिर से धीरे-धीरे पहले की स्थिति में आ जाएगा। अध्यक्षता एसपी सिटी डॉ संजय कुमार ने की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रशिक्षु पुलिस कर्मी, थाना प्रभारी और पुलिस इंस्पेक्टर मौजूद रहे।