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श्रावण मास विशेष:दुनिया का इकलौता अद्भुत शिवलिंग! 1001 नेत्र,सफेद रंग, हर मौसम में अलग रंग, दर्शन से मिलती है अलौकिक शक्ति

    मध्यप्रदेश के रीवा जिले के किले में अनोखा शिव लिंग विराजमान है. शिवलिंग का रंग सफेद है, जो मौसम के अनुसार बदल जाता है. शिव पुराण के मुताबिक भगवान भोलेनाथ ने महासंजीवनी महामृत्युंजय मंत्र की उत्पत्ति की थी.
रीवा ….. मध्यप्रदेश
    वैसे तो महादेव कई रुपों में विराजमान हैं. सभी रूप अपने आप में खास है. पर यह तो अद्भुत है. महामृत्युंजय मंदिर मध्यप्रदेश के रीवा जिले के किले में विश्व भर में एक अनोखा शिव लिंग विराजमान है. शिवलिंग का रंग सफेद है, जो मौसम के अनुसार बदल जाता है. शिव पुराण के मुताबिक भगवान भोलेनाथ ने महासंजीवनी महामृत्युंजय मंत्र की उत्पत्ति की थी. इस मंत्र का जाप यहां पुजारियों के द्वारा कराया जाता है. यह शिवलिंग एक, दो नहीं 400 साल पुराना है.
यहां हिंसक जानवर भी हो जाते हैं नतमस्तक
     जानकारों की मानें तो यह शिवलिंग लगभग 400 वर्ष पुराना है. इस शिव लिंग के सामने हिंसक जानवर भी नतमस्तक हो जाते थे. यह मंदिर शायद दुनिया का इकलौता मंदिर है, जहां 1001 छिद्र वाला शिवलिंग है. जो अलौकिक शक्ति देने वाला है. महामृत्युजय की कृपा से भक्तों की अकाल मृत्यु टल जाती है. मृत्युभय नहीं रहता और बिगडे काम बन जाते है. इसके कई उदाहरण यहां देने को मिलते है.
है ये कहानी…….
     कोई लम्बी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए महामृत्युजंय की चौखट मे आता है तो कोई मृत्यु भय से. ऐसी महिमा है भगवान महामृत्युंजय की. मंदिर की स्थापना को लेकर किदवंती है कि बांधवगढ़ से राजा शिकार के लिए आए थे. शिकार के दौरान राजा ने देखा कि एक शेर चीतल को दौड़ा रहा है. जब वह मंदिर के समीप आया तो शेर चीतल का शिकार किए बिना लौट गया. राजा यह देखकर हैरत में पड़ गए. कहते हैं कि राजा ने खुदाई कराई. गर्भ गृह से महामृत्युंजय भगवान को सफेद शिवलिंग निकला
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