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खिलौने बेचकर पार्क के सामने खुले में सोते है गरीब विक्रेता



जौनपुर। सर्दी की रातें गरीबों के लिए बहुत भारी पड़ती हैं। शहर के कृषि भवन के निक पर्यावरर्णीय पार्क के सामने कई खिलौने बेचने वाले बुधवार को सवेर पेड़ के नीचे खुले आसमान के नीचे अपने कम कपड़ों और बिस्तर में लिपटकर सोते देखे गये। यह नजारा सवेरे घूमने वालों ने देखा तो कई प्रकार की प्रतिक्रिया सुनने को मिली। ऐसे गरीबों को तलाश रहती है किसी ऐसे मसीहा की जो आकर उनको ठंड से बचा सके।

ठिठुरते हुई रात न गुजारनी पड़े। बहुत से गरीब इन सर्दी की रातों में खुले आसमान के नीचे कांपते रहते हैं। हालांकि ऐसे कई लोग हैं, जो गरीबों की पीड़ा को समझते हुए नेक कार्य के लिए आगे आते हैं और गर्म कपड़े, कंबल आदि का वितरण कर लोगों को मानव सेवा के लिए प्रेरित करते हैं। गरीबों के लिए सर्दी का मौसम काफी कष्टप्रद रहता है। गर्मी में तो काम चल जाता है, कहीं भी पड़े रहो इतनी दिक्कत नहीं होती लेकिन सर्दी में उनके लिए भारी मुसीबत होती है। जब कड़ाके की ठंड में अपर्याप्त कपड़ों के उनको रातें गुजारनी पड़ती हैं।

ठिठुरते हुए वह रात किसी तरह से रात व्यतीत करते हैं। हालांकि दिन में भी उनको परेशानी होती है, लेकिन धूप निकलने पर कुछ राहत मिल जाती है। इस स्थिति में गरीब लोग किसी ऐसे मसीहा की राह देखते हैं जो उनको गर्म कपड़े और कंबल आदि का वितरण करे। समाज में कई लोग ऐसे हैं जो गरीबों की पीड़ा को समझते हैं और उनकी मदद के लिए आगे भी आते हैं। ठंड से परेशान लोग अपने शरीर में गर्माहट लाने के लिए कई तरह के उपाय कर रहे हैं।

विशेष तौर पर गरीब परिवार के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। गरीब, किसान व मजदूर वर्ग के लोग विशेष रूप से ठंड से परेशान हो जाता हैं। कपड़े व अन्य आवश्यक संसाधनों के अभाव में उन्हें जाड़े का यह मौसम गुजारना काफी कठिन साबित होता है। ठंड के मौसम में गरीबों को मात्र अलाव का सहारा ही होता है। जिसके सहारे वे किसी प्रकार रात गुजार लेते हैं

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