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‘वन नेशन—वन इलेक्शन’ से लोकतंत्र और अधिक सशक्त, व्यवस्थित और परिणामदायी बनेगा: अंजू पाठक

राज एजुकेशन सोसाइटी ने ‘वन नेशन—वन इलेक्शन’ विषय पर किया महिला संवाद
जौनपुर। राज एजुकेशन सोसाइटी ने नगर के एक होटल में कार्यक्रम किया जहां महिलाओं के साथ मिलकर ‘वन नेशन—वन इलेक्शन’ विषय पर महिला संवाद किया गया। इस मौके पर उपस्थित महिलाओं ने अपने विचार साझा किये। इसी क्रम में अंजू पाठक ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव की अवधारणा भारत के लोकतंत्र को अधिक सशक्त व्यवस्थित और परिणामदायी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल हमारे राजनीतिक तंत्र को सरल और पारदर्शी बनायेगा, बल्कि इससे समय धन और संसाधनों की व्यापक बचत भी होगी। अनीता सेठ ने कहा कि मैं एक राष्ट्र एक चुनाव का समर्थन करती हूं। इससे वोटिंग पैटर्न का मुद्दा बदलेगा और स्थानीय पार्टी जो छुटपुट होती है, उनको नुकसान उठाना होगा।
इसी क्रम में मीरा अग्रहरि ने एक राष्ट्रीय एक चुनाव का समर्थन करते हुये कहा कि चुनाव में आचार संहिता लग जाती है और यह परिणाम जारी होने तक लागू रहती है। इससे जो देश की विकास की परियोजनाएं लागू होती हैं, उनमें देरी होती है। ममता गुप्ता ने कहा कि मैं एक राष्ट्र एक चुनाव से सहमत हूं। छोटी-छोटी पार्टियां क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ती हैं। ऐसा होने से उनका अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। सोनी जायसवाल ने कहा कि चुनाव के दौरान अक्सर एजेंसी द्वारा काले धन को लेकर आरोप लगाते हैं। इस पर भी एक राष्ट्रीय एक चुनाव जरुरी है।
वहीं मधुलिका  ने कहा कि इससे केन्द्र में राजकोष की बचत होगी। जब आर्थिक बचत होगी तो उससे देश का विकास होगा। मंजू जायसवाल ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव के होने से जो हमारा अतिरिक्त धन बार-बार चुनाव के समय पर खर्च होता है, वह बचेगा। भारत एक विकासशील देश है। वह धन विकास के कार्यों पर लगाया जाएगा। ज्योति श्रीवास्तव ने कहा कि जब-जब चुनाव होता है तब—तब सभी लोगों को चुनाव के समय अन्य जगहों पर ड्यूटी पर लगा दिया जाता है जिससे हम महिलाओं को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि हमें घर और नौकरी दोनों ही को लेकर साथ चलना पड़ता है। सरिता जी ने कहा इससे देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
अन्त में संस्था की प्रबंधक अंजू पाठक ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव देश के लोकतंत्र को सशक्त सुव्यवस्थित, परिणामदायक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न हमारे राजनीतिक तंत्र को सरल और पारदर्शी बनायेगा, बल्कि इससे समय, धन और संसाधनों की व्यापक बचत होगी। इस अवसर पर तमाम लाग उपस्थित रहे जहां संस्था प्रबंधक ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

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