हर हर महादेव मित्रों ,
महाशिवरात्रि पर ढेर सारी शुभकामनाएं
कामना करता हूँ..
महादेव शिव और देवी पार्वती सा अनुराग ,त्याग, समर्पण व सहयोग आप सब की जोड़ी मे जन्म जन्मान्तर तक बना रहे।
यूं तो बसन्त ऋतु शुरू होते ही प्रकृति के साथ साथ हम सभी के मन उल्लास से भर जाते है और साथ ही हमारे त्यौहार भी प्रारंभ हो जातें हैं
दाम्पत्य जीवन में सदैव शिव और पार्वती जैसा समर्पण कि मायके के यज्ञ में पति का अपमान हो तो पत्नी उसी यज्ञ के हवन-कुण्ड में कूद कर आत्मदाह कर ले… और सम्बन्धों में समर्पण ऐसा.. कि पुनर्जन्म ले, और तमाम सामाजिक अवरोधों को पार करते हुए पुनः उसी पति का वरण करे!”
सोच कर देखिये, दाम्पत्य जीवन के आदर्श निर्वहन, पति-पत्नी के सम्बन्धों में ऐसा त्याग, समर्पण व प्रेम का ऐसा उदाहरण पूरे विश्व में दूसरा कोई नहीं… एक दम पवित्र प्रेम “सती हवन कुंड की आग अंगीकार करती है तो महादेव भी बरसो उसकी प्रतीक्षा मे विरह की तपिश मे जलते है ” … तभी लगता है जैसे “पति हो तो भोलेबाबा जैसा, और पत्नी हो तो माता पार्वती जैसी…” शायद तभी सिया स्वयम्बर के लिए जनक बाबा ने शिव का धनुष रखवाया था, और राम को पति रूप में पाने की प्रार्थना करने सिया माता पार्वती के मंदिर में गयीं थीं। राम ने शिव का धनुष तोड़ा तो राम-सिया ने सचमुच अपने सम्बन्धों को शिव-पार्वती की भांति ही निभाया भी…..
सनातन का असली सौंदर्य यही है कि देवताओं तक को अपने जैसा गढ़ लेते है । छोटी-छोटी बातों पर पति से रूठने वाली और सन्तान के हितो के लिए पति शिव से टकराती पार्वती और बार-बार उन्हें मनाते शिव पिता ,ताऊ ,चाचा , चाची , भाई , मित्र व भाभी से लगते है … शिव-पार्वती सृष्टि के सबसे आदर्श दम्पति … माता सती के वियोग में चिल्लाते, उधम मचाते, तांडव करते शिव …..जो नाचते भी हैं, गाते भी हैं, चौरस भी खेलते हैं, भांग भी खाते हैं, मस्त व विरक्त शिव …वे विरक्ति के बाद भी न मर्यादा भूलते हैं न कर्तव्य!…. वे पत्नी को,बच्चों को, गणों को… किसी से दूर नहीं होते, किसी को अकेला नहीं छोड़ते… पिता के यहां सुखो को छोड कर आई पार्वती को वो सब देने का प्रयास भी करते है जो वो चाहती है और पार्वती अपने गुणो व मातृत्व मे कैलाश ही क्या समस्त सृष्टि को अपने भीतर समाहित कर लेती है ।
सच शिव पार्वती हृदय में उतर जाते हैं। और शायद इसी लिए विवाह योग्य बच्चो को शिव व देवी पार्वती की अराधना करने को कहा जाता है ताकि दाम्पत्य हो तो ऐसा …. भोले पार्वती जैसा ……
अतः पुनः हृदय की अनन्त गहराइयों से महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं