दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग एक पोर्टल बना रहा है। इसमें कैब एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा देने वाली कंपनियों को अनिवार्य रूप से वाहन नंबर और ड्राइवर विवरण दर्ज करना होगा। इसकी जानकारी सोमवार को अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया की दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा देने वाली कंपनियों को योजना के तहत पंजीकरण के लिए पोर्टल बनाया जा रहा है। इस योजना को पिछले साल अधिसूचित किया गया था।\nयह योजन बाइक टैक्सियों पर भी लागू होती है। इसके तहत परिवहन एग्रीगेटर्स को यात्री सेवाओं के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को अनिवार्य रूप से शामिल करने पर जोर दिया गया है। एक अधिकारी ने कहा, ‘पोर्टल लगभग तैयार है। कैब एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा देने वाली कंपनियों को वाहनों की पंजीकरण संख्या और प्रत्येक ड्राइवर की डिटेल इसमें अपलोड करनी होगी।’ हाल ही में एक बैठक कर कंपनियों को पोर्टल के बारे में जानकारी दी गई।\nइस योजना का मकसद यात्रियों और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एग्रीगेटर प्लेटफार्मों को सरकार के दायरे में लाना है। यह वायु प्रदूषण को कम करने और हरित गतिशीलता (ग्रीम मोबिलिटी) को बढ़ाने के लिए चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने पर जोर देता है। इस योजना के तहत, दिल्ली में सभी एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा देने वाली कंपनियां और ई-कॉमर्स संस्थाओं को सभी वाहनों को एक अप्रैल, 2030 तक इलेक्ट्रिक फ्लीट में परिवर्तित करना होगा।\nप्रदूषण जांच का सख्त नियम\nइससे पहले दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण टेस्ट (पीयूसी) का वीडियो रिकॉर्ड करना अनिवार्य कर दिया था जिससे कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सके। नियम के अनुसार, अब पीयूसी जारी होने से पहले रिकॉर्ड वीडियो को ‘वाहन’ पोर्टल पर अपलोड करना होता है। धोखाधड़ी पर लगाम के लिए सरकार ने नया रेगुलेशन अनिवार्य किया है। यह कदम सरकार को मिली कई शिकायतों के बाद लिया गया था।
दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग एक पोर्टल बना रहा है। इसमें कैब एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा देने वाली कंपनियों को अनिवार्य रूप से वाहन नंबर और ड्राइवर विवरण दर्ज करना होगा। इसकी जानकारी सोमवार को अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया की दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा देने वाली कंपनियों को योजना के तहत पंजीकरण के लिए पोर्टल बनाया जा रहा है। इस योजना को पिछले साल अधिसूचित किया गया था। | |
यह योजन बाइक टैक्सियों पर भी लागू होती है। इसके तहत परिवहन एग्रीगेटर्स को यात्री सेवाओं के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को अनिवार्य रूप से शामिल करने पर जोर दिया गया है। एक अधिकारी ने कहा, 'पोर्टल लगभग तैयार है। कैब एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा देने वाली कंपनियों को वाहनों की पंजीकरण संख्या और प्रत्येक ड्राइवर की डिटेल इसमें अपलोड करनी होगी।' हाल ही में एक बैठक कर कंपनियों को पोर्टल के बारे में जानकारी दी गई।
इस योजना का मकसद यात्रियों और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एग्रीगेटर प्लेटफार्मों को सरकार के दायरे में लाना है। यह वायु प्रदूषण को कम करने और हरित गतिशीलता (ग्रीम मोबिलिटी) को बढ़ाने के लिए चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने पर जोर देता है। इस योजना के तहत, दिल्ली में सभी एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा देने वाली कंपनियां और ई-कॉमर्स संस्थाओं को सभी वाहनों को एक अप्रैल, 2030 तक इलेक्ट्रिक फ्लीट में परिवर्तित करना होगा।
प्रदूषण जांच का सख्त नियम
इससे पहले दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण टेस्ट (पीयूसी) का वीडियो रिकॉर्ड करना अनिवार्य कर दिया था जिससे कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सके। नियम के अनुसार, अब पीयूसी जारी होने से पहले रिकॉर्ड वीडियो को 'वाहन' पोर्टल पर अपलोड करना होता है। धोखाधड़ी पर लगाम के लिए सरकार ने नया रेगुलेशन अनिवार्य किया है। यह कदम सरकार को मिली कई शिकायतों के बाद लिया गया था।