नासिक. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य भय्याजी जोशी ने कहा कि हर पीढ़ी के लिए संघ मार्ग पर चलने को दीपस्तंभ आवश्यक होते हैं. संघ पिछले 100 वर्षों में नहीं भटका, इसका मुख्य कारण नाना जैसे दीपस्तंभ थे. हमारे पास जो कुछ भी है, उसे कुछ भी बाकी रखे बिना अर्पण करना चाहिए. कोई विचार अपने पास नहीं रखना. सारा का सारा औरों में बांट देना चाहिए. इसके लिए मार्ग बनाने चाहिए. जो हृदय की भाषा समझता है, वह हिन्दू समाज व मातृभूमि की संकल्पना समझ सकता है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक स्व. नानाराव ढोबळे के जन्मशती वर्ष के अवसर पर शंकराचार्य संकुल स्थित डॉ. कुर्तकोटी सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर आयोजित व्याख्यान में भय्याजी जोशी ने संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि समाज की समस्याएं सुलझाने के लिए बुद्धि नहीं, बल्कि संवेदना और हृदय की आवश्यकता होती है. पिछली सदी में संघ ने तथाकथित प्रगतिशील लोगों की तरह केवल सामाजिक समस्याओं की चर्चाओं के इर्द-गिर्द रहना पसंद नहीं किया, बल्कि सामाजिक सुधार की प्रत्यक्ष कृति के आदर्श खड़े किए. राष्ट्रहित में सर्वस्व का त्याग करते हुए आदर्श खड़े करना कोई आसान कार्य नहीं है. इस राष्ट्रयज्ञ में स्व. नानाराव ढोबळे जैसी अनगिनत समिधाओं ने जीवनकार्य की आहुति देकर समाज के समक्ष आदर्श स्थापित किए. नाना ने सशक्त बीजों का रोपण किया, जिसके कारण दुर्गम वनवासी इलाकों तक संघकार्य पहुंचा. कई लोग ताक में बैठे हुए हैं कि संघ कब समाप्त होगा, लेकिन नाना ने जो सशक्त बीजरोपण किया है, उसी के कारण संघ और संघ के विचार बढ़े हैं.
इस अवसर पर मंच पर पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत संघचालक नानासाहेब जाधव, नासिक विभाग संघचालक कैलासनाना सालुंखे, रमेश ढोबले उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन कौमुदी परांजपे ने किया.
श्रीगुरुजी रुग्णालय के कार्य का निरीक्षण
भय्याजी जोशी ने श्रीगुरुजी रुग्णालय के विस्तारित परियोजना कार्य का निरीक्षण किया. उन्होंने कार्य की जानकारी प्राप्त करते हुए सबसे संवाद किया. कार्यक्रम में प. महाराष्ट्र प्रांत संघचालक नाना जाधव, डॉ. विजय मालपाठक, व अन्य उपस्थित थे. श्री गुरुजी रुग्णालय के कार्यवाह प्रवीण बुरकुले व रुग्णालय के सभी ट्रस्टी उपस्थित थे.