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क्या बगावती मूड में हैं एकनाथ शिंदे? CM की कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं…?

महाराष्ट्र में महायुति को भारी बहुमत मिलने के बाद भी सरकार बनाने की राह सुलझने के बजाय रोज उलझती जा रही है. शिवसेना नेता और कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे सीएम की कुर्सी छोड़ना नहीं चाहते हैं. उन्होंने एक बार फिर स्पष्ट तौर पर कहा है कि राज्य की जनता उनको सीएम के तौर पर देखना चाहती है. एक दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि अगर गठबंधन ने अजित पवार की एनसीपी को नहीं लाया गया होता तो उनकी पार्टी 90 से 100 सीटों पर चुनाव लड़ती और उनकी सीटें और अधिक होतीं.

यूपी जागरण डॉट कॉम से बातचीत में शिंदे ने कहा कि मैं जनता का सीएम था. मैं कहता रहा हूं कि मैं केवल सीएम नहीं था बल्कि एक आम आदमी हूं. मैं जनता की समस्याओं और उनके दर्द को समझता हूं और मैंने उन समस्याओं के समाधान की कोशिश की है. जैसा कि मैं आम लोगों के लिए काम करता हूं ऐसे में लोग मानते हैं कि मुझे सीएम बनना चाहिए. उधर दूसरी तरफ भाजपा 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में नई सरकार के शपथ ग्रहण की तैयारी कर रही है. ऐसे में एकनाथ शिंदे का यह बयान काफी अहम हो जाता है.

शिंदे का दावा- उनके नेतृत्व में लड़ा गया चुनाव
उन्होंने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के याद दिलाते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में महायुति ने सफलतापूर्वक राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ा. हालांकि उन्होंने आगे यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जो भी फैसला लेंगे उनकी पार्टी उसको मानेगी. शिंदे ने अपने गांव सतारा जिले के दारे में पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही. गुरुवार को दिल्ली में अमित शाह के साथ मीटिंग के बाद शिंदे अपने गांव चले गए थे. वहां उनकी तबीयत ठीक नहीं होने की बात कही गई. फिर रविवार को वह ठाणे लौटे.

शिंदे ने कहा कि महायुति की सरकार ने जिस तरह की सफलता हासिल की वैसी सफलता इससे पहले आज तक किसी दूसरे दल ने नहीं हासिल की है. विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा गया. दोनों उपमुख्यमंत्रियों और अन्य साथी मेरे साथ थे. हमने बड़ी जीत हासिल की. फिर उन्होंने आगे कहा कि कंफ्यूजन की कोई स्थिति नहीं है. मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह सीएम पद को लेकर जो फैसला लेंगे वो उनको स्वीकार्य होगा.

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