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यूपी में 10 लाख करोड़ का निवेश, पीएम मोदी ने किसानों और उद्योगों पर दिया जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 10.11 लाख करोड़ रुपये की 14,000 से अधिक निजी निवेश परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कृषि को सीधे बाजारों से जोड़ना होगा।

उन्होंने कहा कि कृषि के मूल्य-वर्धन के लिए विशेषकर छोटे किसानों को बाजारों से जोड़ने और कृषक उत्पाद संगठनों (एफपीओ) को प्रोत्साहित करने की सख्त जरूरत है। मोदी ने कहा कि निवेशक मेड इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए आगे आएं और सुनिश्चित करें कि प्रत्येक देश में खाने की मेज पर भारत में तैयार खाने के पैकेट दिखें।

निवेशकों के लिए किसानों की उपज की पैकेजिंग और मूल्य-वर्धन का यह सबसे उचित समय है, ताकि भारतीय कृषि उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच सकें। इस समय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर पंजाब के किसानों के ‘दिल्ली कूच’ आंदोलन के मद्देनजर प्रधानमंत्री का बयान बहुत महत्त्वपूर्ण है।

ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी 4.0 (जीबीसी 4.0) के मौके पर निवेशकों और उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि मेरा सुझाव है कि दुतरफा लाभ के लिए व्यापारियों को किसानों के साथ साझेदारी करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने का जिक्र किया और विपक्ष खासकर कांग्रेस पर निशाना साधा।

उत्तर प्रदेश में इन परियोजनाओं के शुरू होने से विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 34 लाख नौकरियां पैदा होंगी। इन परियोजनाओं का सबसे बड़ा हिस्सा लगभग 52 प्रतिशत पश्चिमी क्षेत्र को मिला है, जबकि 29 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर पूर्वांचल यानी पूर्वी उत्तर प्रदेश है।

इसके अलावा 14 प्रतिशत परियोजनाएं मध्यांचल और 5 प्रतिशत बुंदेलखंड को मिली हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है और देश के बाकी राज्यों को भी राजनीति छोड़ इससे सीख लेनी चाहिए।

सभी राज्यों को अपनी-अपनी अर्थव्यवस्था को ट्रिलियन डॉलर बनाने में जुट जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश की बदली दशा का जिक्र करते हुए कहा कि 7-8 साल पहले सोच भी नहीं सकते थे कि यहां भी निवेश और नौकरी को लेकर ऐसा माहौल बनेगा। चारों ओर अपराध, दंगे, छिनैती यही खबरें थीं लेकिन आज यहां लाखों करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है। अब यहां उद्योगों के लिए रेड कार्पेट कल्चर विकसित हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में डबल इंजन सरकार की मदद से उत्तर प्रदेश के व्यापार और उद्योग क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि हुई है।

लघु एवं मझोले उद्योगों का विस्तार

मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराध कम हुए हैं और कारोबारी संस्कृति का विस्तार हुआ है। व्यापार, विकास व विश्वास का माहौल बना है। इससे प्रदेश का निर्यात दोगुना हुआ तो बिजली उत्पादन और पारेषण में प्रशंसनीय काम किया गया है। देश के सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे, अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे, देश की पहली रैपिड रेल, डेडिकेटेड रेल फ्रेट कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश में है।

डबल इंजन सरकार बनने के बाद प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर व इकनॉमिक कॉरिडोर से एमएसएमई को विस्तार हुआ। प्रदेश के हर इलाके के अनूठे उत्पादों को ओडीओपी से जोड़कर सशक्त किया गया है।

लोकसभा चुनावों से ठीक पहले आयोजित इस कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर भी जमकर हमले किए और मोदी की गारंटी के बारे में विस्तार से बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कहा कि आमतौर पर चुनाव के समय लोग नए निवेश से बचते हैं पर भारत ने यह धारणा भी तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए नई सोच व दिशा भी चाहिए। देश में जिस प्रकार की सोच आजादी के बाद के अनेक दशकों तक रही, उसके चलते यह संभव ही नहीं था।

वह सोच थी देश के कुछ चुनिंदा शहरों के विकास व वहां नौकरी के अवसर उपलब्ध करा देने की। इसके चलते देश का बहुत बड़ा हिस्सा विकास से वंचित रह गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी की गारंटी वाली गाड़ी गांव-गांव पहुंच गई है।

यही सच्चा सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता है। पहले लोगों को अपने हक के लिए लाइन लगानी पड़ती थी पर अब सरकार खुद दरवाजे पर आ रही है। उन्होंने कहा कि जिस रेहड़ी, पटरी वालों को कोई नहीं पूछता था, उनकी मदद की जा रही है और अब 10,000 करोड़ रुपये उन्हें स्वनिधि योजना में दिए गए हैं।

उत्तर प्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं पर मोदी ने कहा कि अब यहां आना जाना आसान हो गया है। पर्यटन स्थल पर जाएं तो बजट का दस फीसदी वहां के स्थानीय उत्पादों को खरीदने पर खर्च करें। इस तरह वहां की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश का काला नमक चावल व चंदौली का ब्लैक राइस विदेश जा रहा है। उद्योगपतियों को पैकेजिंग, निर्यात आदि में किसानों की मदद करने आगे आना चाहिए व इस क्षेत्र में निवेश करना चहिए।

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