ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का पता चलने के बाद भारत और यूरोप समेत कई देशों ने वहां से आने वाली फ्लाइट पर रोक लगा दी है. वहीं ब्रिटेन कड़ा लॉकडाउन लागू करने पर विचार कर रहा है ताकि खतरनाक वायरस के प्रसार की रोकथाम की जा सके. इस बीच, ब्रिटेन ने बुधवार को नेशनल हेल्थ सर्विस टेस्ट के असाधारण उपयोग को मंजूरी दे दी और कोरोना के एसिम्प्टोमैटिक मरीजों की जांच के लिए कोविड-19 सेल्फ टेस्ट किट का पता लगाया.

मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने कहा कि किट एंटीजन लेट्रल फ्लो टेस्ट (एंटीजन एलएफटी) का इस्तेमाल करती है, जो 30 मिनट में रिजल्ट दे सकता है. कोरोना के नए स्ट्रेन से जूझ रही ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि वह संक्रमण का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर लोगों की जांच करना चाहती है.
नवंबर में इसने लीवरपुल के नॉर्थवेस्ट सिटी में बड़ी तादाद में पायलट टेस्ट शुरू किया था. इसके तहत उन लोगों का भी टेस्ट कराया गया जिसमें लक्षण नहीं थे ताकि इस तरह टेस्टिंग के जरिए कोरोना के प्रसार को रोका जाए.
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यह वादा किया था कि वह बड़ी तादाद में कोरोना टेस्ट अभियान चलाएंगे और जिन लोगों में लक्षण पाया जाएगा और पॉजिटिव केस मिलेंगे उनसे कहा जाएगा कि वह खुद को अलग कर लें.
लेकिन, एनएचएस टेस्ट एंट ट्रेस सिस्टम की लाउंचिंग के बाद इसकी विफलता के चलते इसकी काफी आलोचना की गई. सरकार के मंत्रियों ने यह माना कि यह उम्मीदों के अनुरूप खड़ा नहीं उतरा है.