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घर में है हथियार तो ऐसे रखें, जिससे न हो गोविंदा जैसा हादसा

   रिवॉल्वर की सफाई करते समय गोविंदा को गोली लगने की घटना के बाद किसी भी अग्नेयास्त्र (बंदूक) के रखरखाव को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं. लोग यह जानना चाहते हैं कि हथियारों का रखरखाव कैसे करें, जिससे कि गोविंदा जैसी घटना ना हो. इस प्रसंग में हम हथियार रखने के तौर तरीके बता रहे हैं.

बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा अपने ही रिवॉल्वर से गोली चल जाने की वजह से जख्मी हो गए हैं. गनीमत रही कि गोली उनके पैर में लगी. फिलहाल वह सुरक्षित हैं, लेकिन इस घटना के बाद एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि घर में बंदूक, रिवॉल्वर या पिस्टल जैसा कोई भी हथियार हो तो इसे कैसे रखा जाए, जिससे गोविंदा जैसा हादसा ना हो. हालांकि कोई भी हथियार खरीदते समय शस्त्र निर्माता कंपनी की ओर से लाइसेंसी को सुरक्षा के नियम बताए जाते हैं. इसके अलावा शस्त्र चलाने के प्रशिक्षण के दौरान भी इसकी पूरी जानकारी दी जाती है.

सफाई के समय 45 डिग्री पर होना चाहिए नाल का एंगल

अक्सर हथियारों की सफाई के वक्त गलती से फायरिंग हो जाती है. बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा के साथ भी इसी परिस्थिति में फायरिंग होने की बात कही जा रही है. विशेषज्ञों के मुताबिक किसी भी शस्त्र की सफाई के लिए भी नियम है. शस्त्र मैन्युअल के मुताबिक सफाई के वक्त भी नाल का एंगल ऊपर की दिशा में होना चाहिए. यदि ऐसा ना भी हो तो उस दिशा में 45 डिग्री के एंगल पर होना चाहिए, जिधर कम से कम 20 मीटर के दायरे में कोई दीवार या लोग ना हों. इस मैन्युअल में यहां तक कहा गया है कि ड्राई फायर के दौरान भी बंदूक की नाल असुरक्षित लक्ष्य की ओर नहीं होनी चाहिए.

महत्वपूर्ण है नाल की दिशा

इसी प्रकार बंदूक या कोई भी भी अग्नेयास्त्र लेकर चलते समय भी नाल की दिशा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. जैसे कि ठोकर लगने पर आप गिरे या लड़खड़ाएं, तब भी नाल की दिशा आपके नियंत्रण में होनी चाहिए. शस्त्र मैन्युअल में हथियार को हमेशा अनलोड रखने की बात कही गई है. नियम के मुताबिक आप इसे तभी लोड करेंगे, जब आप मैदान में हों, लक्ष्य रेंज में हों या फिर शूट करने के लिए तैयार हों. इसके अलावा हथियार को उस परिस्थिति में भी लोड करके रखा जा सकता है, जब आपको हर समय जान का खतरा हो.

अनलोड करके रखें बंदूक

ऐसी परिस्थिति में आप को किसी भी वक्त हथियार के इस्तेमाल की जरूरत पड़ सकती है. अन्य परिस्थितियों में बंदूक या रिवॉल्वर से गोलियां निकालकर उन्हें सुरक्षित स्थान पर रख देनी चाहिए. लोडेड हथियार को कार, ट्रक रखने से मना किया गया है. हथियार को हाथ में लेने, किसी को देने या इस्तेमाल ना होने की दशा में रखने से पहले हथियार का एक्शन खोलकर चैंबर जरूर देखें कि कहीं कोई गोली या मैगजीन तो इसमें नहीं रह गई. वैसे तो सभी तरह की बंदूकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते हैं, बावजूद इसके शस्त्र निर्माता कंपनी कहती है कि बंदूक की सुरक्षा पर भरोसा ना करें.

ट्रिगर पर हमेशा ना रखें उंगली

दरअसल यह यांत्रिक उपकरण है और इसमें कभी भी कोई तकनीकी दिक्कत हो सकती है. बंदूक के ट्रिगर पर उंगली रखने के भी कई नियम है. इसमें पहला नियम तो यही है कि यदि इस्तेमाल करने से पहले ट्रिगर पर उंगली ना रखें. जब तक इस्तेमाल ना करना हो, बंदूक का सुरक्षा लीवर ना हटाएं. ऐसा करना खतरनाक हो सकता है. किसी भी हथियार को हाथ में लेने से पहले उसके रेंज का ज्ञान जरूरी है. जैसे कि एक बार ट्रिगर दबने पर कितने फायर होंगे और कितनी दूर तक मार होगी. उदाहरण के तौर पर शॉटगन के छर्रे भी 500 गज की दूरी तक मार करते हैं.

वैध गोली मैगजीन का करें इस्तेमाल

कभी भी हथियार में अवैध गोलियों का इस्तेमाल ना करें. ऐसा करने पर बंदूक को तो नुकसान होगा ही, बंदूकधारी भी दुर्घटना का शिकार हो सकता है. ध्यान रहे कि सेफ्टी लॉक लगे होने के बाद भी यदि हथियार में गोली भरी है तो यह सुरक्षित नहीं है. बंदूक की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि हर तीन से पांच साल के अंदर अधिकृत एजेंसी पर ले जाकर अपने शस्त्र की जांच कराएं और जो भी खामी हो दूर कराएं. खामी ना भी हो तो बंदूक की स्प्रिंग एवं अन्य कलपुर्जों पर तेल ग्रीस डलाएं.

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