अमेरिका में एडमिशन के लिए कई तरह के टेस्ट देने पड़ते हैं। यहां की यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई करने के लिए आपको काफी तैयारी भी करनी पड़ेगी। अमेरिकी यूनिवर्सिटीज अपने वर्ल्ड-क्लास एजुकेशन के लिए दुनियाभर में जानी जाती हैं। इस वजह से यहां लाखों विदेशी छात्र पढ़ते हैं।
हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका भारतीय छात्रों का टॉप डेस्टिनेशन है। यहां की वर्ल्ड-क्लास यूनिवर्सिटीज में आपको रिसर्च के मौके और शानदार कोर्सेज की पढ़ाई का मौका मिलेगा। THE वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में अमेरिका के 197 संस्थान शामिल हैं। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) दुनिया का दूसरा सबसे बेस्ट संस्थान है। इसी तरह से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में तीसरे स्थान पर है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी दुनिया के टॉप-10 संस्थानों में से एक है।
अमेरिका में 2000 से ज्यादा कोर्सेज की पढ़ाई की जा सकती है। यहां पढ़ने का एक सबसे अच्छा फायदा ये है कि छात्रों को यहां नौकरी करने का ऑप्शन भी मिलता है। अमेरिकी यूनिवर्सिटीज से पढ़ने वाले छात्र दुनिया की टॉप कंपनियों में नौकरी करते हैं। हालांकि, अमेरिका में पढ़ाई काफी ज्यादा महंगी है, क्योंकि यहां की यूनिवर्सिटीज की फीस लाखों रुपये में होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि 12वीं के बाद भारतीय छात्र किस तरह से अमेरिका में पढ़ाई कर सकते हैं।
US में कैसे करें पढ़ाई?
अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में 12वीं के बाद एडमिशन लेने के लिए छात्रों को काफी तैयारी करनी पड़ती है। सबसे पहले उन्हें कुछ जरूरी एग्जाम देने पड़ते हैं, जिनके स्कोर एडमिशन के लिए जरूरी हैं। अंडरग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन लेने वाले भारतीय छात्रों को सबसे पहले TOEFL या IELTS एग्जाम देना होता है, जिसके जरिए वे ये साबित करते हैं कि अंग्रेजी भाषा पर उनकी पकड़ अच्छी है। अमेरिका में अंग्रेजी में पढ़ाई करवाई जाती है, जिस वजह से इस भाषा का आना बेहद जरूरी है।
अंग्रेजी के टेस्ट के बाद जो दूसरा सबसे अहम टेस्ट होता है, तो वह SAT या ACT है। ‘स्कोलॉस्टिक असेसमेंट टेस्ट’ यानी SAT स्कोर के जरिए ये पता किया जाता है कि क्या कोई छात्र कॉलेज की पढ़ाई के लिए तैयार है। इस टेस्ट में रीडिंग एंड राइटिंग और मैथ टेस्ट शामिल होते हैं। इसी तरह से ‘अमेरिकन कॉलेज टेस्टिंग’ यानी ACT होता है, जिसमें छात्रों को इंग्लिश, मैथ, रीडिंग, साइंस और राइटिंग जैसे सेक्शन के टेस्ट देने पड़ते हैं। इन दोनों में से एक कोई एक टेस्ट देना एडमिशन के लिए जरूरी है।
वहीं, यूनिवर्सिटीज में अप्लाई करने से पहले आपके पास सारे अकेडमिक रिकॉर्ड जैसे रिपोर्ट कार्ड आदि होने चाहिए। एडमिशन के लिए स्टेटमेंट ऑफ पर्पज (आप इस कोर्स को क्यों पढ़ना चाहते हैं, ये बताना होता है), कम से कम दो लेटर ऑफ रिकमेंडेशन, रिज्यूम, पोर्टफोलियो भी होना चाहिए। जब आपके पास सभी टेस्ट स्कोर और जरूरी डॉक्यूमेंट्स हों तो आप एडमिशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। एडमिशन अधिकारी आपके आवेदन की जांच करेंगे और योग्य पाए जाने पर आपको दाखिला दे देंगे।
यूनिवर्सिटी की तरफ से आपको एडमिशन लेटर दिया जाएगा। ये एक जरूरी डॉक्यूमेंट होता है, क्योंकि इसके आधार पर ही आप F-1 वीजा यानी अमेरिका के स्टूडेंट वीजा के लिए अप्लाई कर पाएंगे। सबसे पहले आपको वीजा के लिए अप्लाई करना होगा, फिर अमेरिकी दूतावास में आपका इंटरव्यू लिया जाएगा। ये इंटरव्यू पास करने पर आप स्टूडेंट वीजा हासिल कर सकते हैं। इसके बाद आप अमेरिका में पढ़ने के लिए उड़ान भर सकते हैं।