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इधर जस्टिन ट्रूडो की गई कुर्सी, उधर ट्रंप ने चल दिया मौके पर चौके वाला दांव, कानाड से क्या कनेक्शन?

   भारत विरोधी नीतियों के लिए मशहूर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. वह करीब 9 वर्षों तक कनाडा के प्रधानमंत्री रहे. पार्टी में बढ़ते आंतरिक असंतोष और उनकी लोकप्रियता में कमी आने के कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ा. उनके इस्तीफे पर ट्रंप का बयान आया है.

भारत से पंगा लेने वाले कनाडा वाले जस्टिन ट्रूडो की कुर्सी चली गई. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफा दे दिया है. इसका मतलब है कि अब अगले चुनाव में वह लिबरल पार्टी का नेतृत्व नहीं करेंगे. इससे कनाडा में अब अगले पीएम की तलाश तेज हो गई है. इस बीच अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मौके पर चौका मारा है. जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे की घोषणा होते ही ट्रंप ने लगे हाथ कनाडा को अमेरिका के साथ मर्ज करने की बात भी दोहरा दी. जी हां, जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे पर डोनाल्ड ट्रंप ने पहली प्रतिक्रिया में कहा कि अब कनाडा का अमेरिका में विलय हो जाना चाहिए.

दरअसल, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की इस्तीफे की घोषणा पर डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से अपने पुराने प्रस्ताव को दोहराया है. उन्होंने कहा था कि कनाडा का अमेरिका में विलय हो जाना चाहिए. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘अगर कनाडा का अमेरिका में विलय हो जाता है तो कोई टैरिफ नहीं लगेगा, टैक्स बहुत कम हो जाएगा और उन्हें रूसी और चीनी जहाजों के खतरे से पूरी तरह से सुरक्षा मिल जाएगी जो लगातार उन्हें घेरे रहते हैं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘मिलकर, हम एक महान राष्ट्र बनेंगे!!!’

        दरअसल, ट्रंप का यह बयान तब आया, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को पद से इस्तीफे की घोषणा की. उन्होंने कहा कि आंतरिक लड़ाई का मतलब है कि वह अगले चुनाव में सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकते हैं. ट्रूडो ने कहा कि उन्होंने अपनी लिबरल पार्टी के अध्यक्ष से नए नेता के चयन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है.

ट्रूडो को लेकर था असंतोष
ट्रूडो को अपने नेतृत्व को लेकर बढ़ते असंतोष का सामना करना पड़ रहा था. पिछले साल के अंत में वित्त मंत्री के अचानक इस्तीफे से ट्रूडो के नेतृत्व वाली सरकार के भीतर उथल-पुथल का संकेत मिला. इस्तीफे की घोषणा से कुछ समय पहले, एक अधिकारी ने बताया था कि संसद 24 मार्च तक निलंबित रहेगी. संसद का सत्र 27 जनवरी को फिर से शुरू होना था. इस दौरान लिबरल पार्टी के नेतृत्व का चुनाव होगा.

9 साल कुर्सी पर रहे ट्रूडो
ट्रूडो 2015 से कनाडा के प्रधानमंत्री थे और उनके इस्तीफे के बाद लिबरल पार्टी में नए नेता की तलाश शुरू हो गई है. ट्रूडो के इस्तीफे से कनाडा में इसी साल चुनाव की संभावना भी बढ़ गई है. इसके पहले ट्रूडो ने इस्तीफा देने से इंकार कर दिया था. लेकिन पार्टी ने उन पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया था. चेतावनी दी थी कि अगर वह इस्तीफा नहीं देंगे तो उन्हें पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

अब कौन होगा अगला पीएम
ट्रूडो के इस्तीफे के बाद लिबरल पार्टी अब प्रधानमंत्री के पद पर कार्यभार संभालने के लिए एक अंतरिम नेता का चयन करेगी. इसके साथ ही पार्टी एक विशेष नेतृत्व सम्मेलन भी आयोजित करेगी, लेकिन यह प्रक्रिया आमतौर पर काफी समय लेती है. यदि चुनाव इससे पहले होते हैं, तो पार्टी को ऐसे प्रधानमंत्री के अधीन काम करना पड़ेगा, जिन्हें पार्टी सदस्य नहीं चुनेंगे. यह कनाडा के इतिहास में पहली बार होगा.

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