कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमले का मामला सामने आया है। कट्टरपंथियों ने हिंदू श्रद्धालुओं पर हमला किया। घटना का वीडियो गैर-लाभकारी संगठन हिंदू कैनेडियन फाउंडेशन ने साझा किया। फाउंडेशन ने कहा कि हिंदू सभा मंदिर पर खालिस्तानी आतंकवादियों ने हमला किया। बच्चों व महिलाओं और पुरुषों को निशाना बनाया। ये हमला खालिस्तानी राजनेताओं के समर्थक से हो रहे हैं।
कट्टरपंथियों ने लाल रेखा पार कर दी
कनाडा में कट्टरपंथियों को खुली छूट
कनाडाई सांसद आर्य ने कहा कि चरमपंथी कनाडा के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कानून का लाभ उठा रहे हैं। उन्हें मुफ्त पास मिल रहा है। मुझे लगता है कि इन रिपोर्टों में थोड़ी सच्चाई है कि कनाडाई राजनीतिक तंत्र के अलावा चरमपंथियों ने कनाडा की कानून प्रवर्तन एजेंसियों में भी घुसपैठ कर ली है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत चरमपंथियों को कनाडा में खुली छूट मिल रही है। हिंदू-कनाडाई लोगों को अपनी सुरक्षा और संरक्षा के लिए आगे आकर अपने अधिकारों का दावा करना चाहिए और राजनेताओं को जवाबदेह ठहराना चाहिए।
हिंसा पूरी तरह से अस्वीकार्य: पियरे पोलीवरे
सुरक्षित पनाहगाह बना कनाडा
टोरंटो के सांसद केविन वुओंग ने भी हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि कनाडा कट्टरपंथियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है। कनाडा के नेता हिंदुओं की रक्षा करने में विफल हैं, ठीक वैसे ही जैसे वे ईसाई और यहूदी कनाडाई लोगों की रक्षा करने में विफल हैं। बता दें कि पिछले साल विंडसर में एक हिंदू मंदिर के बाहर भारत विरोधी पेंटिंग की गई थी। इसके आलावा मिसिसॉगा और ब्रैम्पटन में पहले भी हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जा चुका है।