Site icon Uttar Pradesh Jagran

इतिहास के अछूते पन्नो से -“हमने गढ़ तो जीत लिया, लेकिन मेने मेरा सिंह खो दिया

तानाजीराव मालूसरे का जन्म 17वीं शताब्दी में महाराष्ट्र के कोंकण प्रान्त में महाड के पास ‘उमरथे’ में हुआ था।
वे बचपन से छत्रपति शिवाजी के साथी थे।
Manjulata shukla
ताना जी और शिवा जी एक-दूसरे को बहुत अछी तरह से जानते थे।
तानाजीराव, शिवाजी के साथ हर लड़ाई में शामिल होते थे।
ऐसे ही एक बार शिवाजी महाराज की माताजी लाल महल से कोंडाना किले की ओर देख रहीं थीं, तब शिवाजी ने उनके #मन की बात पूछी तो #जिजाऊ माता ने कहा कि इस किले पर लगा हरा झण्डा हमारे मन को उद्विग्न कर रहा है।
उसके दूसरे दिन शिवाजी महाराज ने अपने राजसभा में सभी सैनिकों को बुलाया और पूछा कि कोंडाना किला जीतने के लिए कौन जायेगा?
किसी भी अन्य सरदार और किलेदार को यह कार्य कर पाने का साहस नहीं हुआ किन्तु तानाजी ने चुनौती स्वीकार की और बोले, “मैं जीतकर लाऊंगा कोंडाना किला”।
तानाजीराव के साथ उनके भाई सूर्याजी मालुसरे और मामा ( शेलार मामा) थे।
वह पूरे ३४२ सैनिकों के साथ निकले थे।
तानाजीराव मालुसरे शरीर से हट्टे-कट्टे और शक्तिपूर्ण थे।
कोंडाणा का किला रणनीतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित था और शिवाजी को इसे कब्जा करना के लिए बहुत महत्वपूर्ण था।
कोंडाणा तक पहुंचने पर, तानाजी और ३४२ सैनिकों की उनकी टुकड़ी ने पश्चिमी भाग से किले को एक घनी अंधेरी रात को घोरपड़ नामक एक सरीसृप की मदद से खड़ी चट्टान को मापने का फैसला किया।
घोरपड़ को किसी भी ऊर्ध्व सतह पर खड़ी कर सकते हैं और कई पुरुषों का भार इसके साथ बंधी रस्सी ले सकती है।
इसी योजना से तानाजी और उनके बहुत से साथी चुपचाप किले पर चढ़ गए।
कोंडाणा का कल्याण दरवाजा खोलने के बाद मुग़लों पर हमला किया।
किला उदयभान राठौड़ द्वारा नियंत्रित किया जाता था, जो राजकुमार जय सिंह-१ द्वारा नियुक्त किया गया था।
उदय भान राठौड़ के नेतृत्व में ५००० मुगल सैनिकों के साथ तानाजी का भयंकर भयंकर युद्ध हुआ। 
  तानाजी एक लड़ाई लड़े, इस किले को अन्ततः जीत लिया गया, लेकिन इस प्रक्रिया में, तानाजी गंभीर रूप से घायल हो गए थे और युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए। 
जब छत्रपती शिवाजी महाराज जी को यह दुःखद वार्ता मिली तो वे अत्यंत दुखी एवं आहात हुये।
छत्रपती शिवाजी महाराज ने काहा
मराठी गढ़ आला, पण सिंह गेला 
अर्थ -“हमने गढ़ तो जीत लिया, लेकिन मेने मेरा सिंह खो दिया।
(लेखिका यूपी जागरण डॉट कॉम A Largest Web News Channel Of Incredible BHARAT की विशेष संवाददाता है )
Exit mobile version