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बौद्धिक संपदा अधिकार कार्यशाला का समापन

  जल संरक्षण संरचनाओं और जीवंत मॉडल स्थापित करने की रणनीति बनी
चित्रकूट। आज महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में बौद्धिक संपदा अधिकार विषयक राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन हुआ। इस दौरान विश्व जल दिवस पर कुलपति प्रो भरत मिश्रा के सुझाव पर ग्रामोदय परिसर में जल संरक्षण गतिविधियो को  प्रदर्शित करने वाली संरचनाओ व जीवंत मॉडल स्थापित करने के संकल्प के क्रियान्वयन हेतु रणनीति तैयार की गई। इसका उद्देश्य पर्यावरण पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों और शिक्षको द्वारा संचालित पर्यावरण जागरूकता अभियान के माध्यम से चित्रकूट से प्रवाहित होने वाली पवित्र नदी मां मंदाकिनी की स्वच्छता और जल संरक्षण पर केंद्रित है।
 राष्ट्रीय कार्यशाला में अंतिम दिन दिन  कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा के डॉ अरविंद गुप्ता ने इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट एंड ओवरव्यू पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने  पेटेंट, ट्रेडमार्क, डिजाइन,ज्योग्राफिकल इंडिकेटर और कॉपीराइट से अंगीकृत जानकारी दी। हर्षित मिश्रा ने द रोल ऑफ ट्रेडमार्क इन एग्रीकल्चर, अंकुर द्विवेदी ने इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट एंड इट्स सिगनिफिकेंस फॉर बिजनेस, विकास तिवारी ने द सिगनिफिकेंस आफ ट्रेड सीक्रेट इन मॉडर्न बिजनेस तथा सांग्या पयासी ने द रोल ऑफ इन इन्नोवेशन एंड डेवलपमेंट पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो. आईपी त्रिपाठी ने अपने  विचारो के प्राकट्य में सुझाव दिया कि चित्रकूट धाम छेत्र के जल, जंगल और जमीन के संरक्षण की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। कार्यशाला आयोजन सचिव प्रो.घनश्याम गुप्ता ने  कार्यशाला सारांश प्रस्तुत किया। आभार प्रदर्शन डॉ अनिल अग्रवाल द्वारा किया गया।
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