काशी रोपवे परियोजना के ट्रायल रन को तीन महीने में शुरू करने की संभावना बढ़ गई है। देश में पहली बार सार्वजनिक परिवहन के तौर पर रोपवे सर्विस को शुरू करने की तैयारी है। बाबा विश्वनाथ की धरती और पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के प्रोजेक्ट के जल्द शुरू होने की उम्मीद की जा रही है।
वाराणसी: देश में पहली बार उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सार्वजनिक परिवहन के रूप में शुरू की जा रही रोपवे सेवा को लेकर बड़ा अपडेट आया है। रथयात्रा और विद्यापीठ स्टेशनों के बीच केबल पर पहले गोंडोला के पहिए और एक मेंटनेंस वाहन घूमा। गुरुवार को केबल और गोंडोला के परीक्षण के साथ ही तीन महीने में सर्विस के ट्रायल रन की संभावना बढ़ गई है। केबल पर गोंडोला के रोल आउट के बाद नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) की परियोजना निदेशक पूजा मिश्रा ने इसके बारे में जानकारी दी।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर पूजा ने कहा कि रोपवे इंजीनियरिंग की भाषा में मेंटनेंस व्हीकल के साथ गोंडोला को रोल आउट करना एक एलाइनमेंट टेस्ट था। सड़क की सतह से 45 मीटर की ऊंचाई पर रोपवे सेवा के रथयात्रा और विद्यापीठ स्टेशनों के बीच 1.3 किलोमीटर क्षेत्र में लगभग दो घंटे तक दो मीटर प्रति सेकंड की गति से रुक-रुककर यह टेस्ट किया गया।
अगले माह से भारी मशीनों से कार्य
रोपवे परियोजना को क्रियान्वित करने वाली एजेंसी एनएचएलएमएल ने अंतिम टावर संख्या 29 और स्टेशन-5 (गोदौलिया) के निर्माण के लिए भूमि को अंतिम रूप देने की अंतिम बाधाओं को दूर करने के बाद रोपवे सेवा का एलाइनमेंट टेस्ट शुरू कर दिया है। पूजा मिश्रा ने कहा कि नोडल एजेंसी वाराणसी विकास प्राधिकरण की ओर से भूमि हमें सौंप दी गई है। लेकिन, महाकुंभ की भीड़ के कारण सिविल कार्य शुरू करने के लिए भारी मशीनों को ले जाना अगले महीने ही संभव होगा।