Site icon Uttar Pradesh Jagran

ग्रामोदय के कुलगुरु के रूप में प्रो भरत मिश्रा  के सफलता पूर्वक तीन वर्ष पूर्ण

चौथे वर्ष के शुभारंभ पर ग्रामोदय विश्वविद्यालय के सतत उत्कृष्टता के लक्ष्य सहित लिये गए अनेक संकल्प*
 चित्रकूट,29 नवम्बर 2024।
 महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने कुलगुरु के रूप में अपना तीसरे वर्ष का कार्यकाल सफलता पूर्वक पूर्ण कर अपने चौथे वर्ष के कार्यों का शुभारंभ किया। इस अवसर पर ग्रामोदय परिवार ने उन्हे पुष्पगुच्छ देकर अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दी और ग्रामोदय उद्देश्य की पूर्ति के लिए सतत उत्कृष्टता के लक्ष्य सहित अनेक संकल्प लिए गए।
        इस अवसर पर कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने तीन वर्ष की उपलब्धियों का श्रेय ग्रामोदय विश्वविद्यालय के स्टाफ और विद्यार्थियों को दिया। इस मौके पर उन्होंने भावी चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि युगानुकुल सामाजिक पुनर्रचना के संकल्प को साधने के लिए संपूर्ण ऊर्जा के विनियोग से ग्रामोदय विश्वविद्यालय के गौरवशाली उद्देश्य और संस्थापक कुलाधिपति भारतरत्न राष्ट्र ऋषि नाना जी देशमुख के ग्रामोदय स्वप्न को साकार करने की दिशा में अनेक संकल्प लिए। ग्रामोदय परिवार ने कुलगुरू प्रो भरत मिश्रा के नेतृत्व में लक्ष्य प्राप्ति के हर संभव प्रयास की प्रतिबद्धता को दोहराया।
     कुलपति प्रो मिश्रा ने कहा कि प्रदेश की विकास आवश्यकताओं के अनुरूप मानव संसाधन का सृजन, गुणवत्तापूर्ण नियमित शिक्षा, दूरवर्ती शिक्षा के माध्यम से  उच्च शिक्षा के आलोक को द्वार द्वार तक पहुंचाना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के युगांतरकारी प्रावधानों को व्यवहार में लागू कर  मॉडल प्रस्तुत करने, शिक्षा के साथ साथ संस्कार और पर्यावरण चेतना के विकास में योगदान, सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संस्थागत प्रयासों का अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत करना, कौशल शिक्षा के माध्यम से स्वरोजगार के जरिए आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना में योगदान, व्यवहारिक एवम प्रभावी शिक्षा के माध्यम ग्राम्य समाज की समाजार्थिक समस्याओं का सर्वसम्मत हल खोजने का प्रयास, राष्ट्रीय स्तर के शैक्षिक संस्थाओं से अनुबंध द्वारा अनुभव और योग्यता आधारित आदान प्रदान, नवीन पाठ्यक्रमो के प्रभावी संचालन में सम सामयिक चुनौतियों को सामना करने का संकल्प, उच्च शिक्षा के सभी आयामों यथा शिक्षा, अनुसंधान, प्रशिक्षण, प्रसार और संसाधन सृजन में प्रभावी योगदान करने वाला प्रदेश का पहला और एक मात्र विश्वविद्यालय है।
Exit mobile version